जिबा सु ज्यादा मरबो भारी पड़गो
दाल आटा सु ज्यादा जरदो भारी पड़गो
काम करबा सु ज्यादा,बेठ्यो रेबो
भारी पड़गो
खाबा सु ज्यादा हजम करबो भारी पड़गो
गांव सु ज्यादा शहर म रेबो भारी पड़गो
परिवार सु दूर है जका क मिलबो ही भारी पड़गो
रात दिन को ओ छातिकुतो भारी पड़गो
बाहर का भचिड़ा सु घर को धमिड़ो भारी पड़गो
ज्यादा तो काई खुला म गैस छोड़बो भारी पड़गो
बूढ़ा आदमिया क खेखार थुकबो भारी पड़गो
छाने बीड़ी पिबाळा का बीड़ी पीबो भारी पड़गी
रोज कमार खाबाळा क खाबो भारी पड़गो
कमायोड़ा है जका क खर्चो करबो भारी पड़गो
मोटा मोटा तुर्रमखां न ऊंदरो बनबो भारी पड़गो
घरा म रिया बिना ई बीमारी को पापो काटबो भारी
पड़गो
कोई मरजावे जकाने हरिद्वार गालबो भारी पड़गो
हरिद्वार तो पछ की बात,
घरका
एक साथ बैठ र रोबो भारी पड़गो
कोई की मुश्किल सु सगाया हुई पण ब्याव हुबो
भारी पड़गो
करोना तू भाग अटासु, तन: भगाया बिन जीबो भारी पड़गो