google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 भामाशाह के लिए शायरी

भामाशाह के लिए शायरी


भामाशाह

वतन पर जो फिदा होगा, अगर वो नौ जवां होगा।
   रहेगी जब तलक दुनिया ये अपसाना बयां होगा।।
फूल जब मांगते है वर्षों तक दुआ, तब बहारो की कली खिलती है।
आप तो आये हो जन्नत से आप जैसे भामाशाह इस जमाने मे कहाँ मिलते है।।
       हर दिल फरियाद नही करता, हर कोई किसी को याद नहीं करता।
हम भुल जाये हमारे भामाशाहो का इस मौके के पर इस बात पर दिल एतबार नही करता।।

प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता हैं,
दान से बड़ा कोई कर्म नहीं होता हैं.

दानी भी होते है एक तरह के सन्त,
दान देने से लालच का हो जाता है अन्त.

जन सेवा की भावना पर पीड़ा संताप,
ऐसे श्रेष्ठ अब कहाँ जैसे दानी आप.

आज मिला अवसर करोसार्थक अपना धन,
भाव बनाओ दान काकर लो जीवन धन्य.


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