google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 सरकार ने गार्गी पुरस्कार के बदले नियम, 10वीं-12वीं में कितने प्रतिशत अंक लाने पर छात्राओं को मिलेगा अवार्ड

सरकार ने गार्गी पुरस्कार के बदले नियम, 10वीं-12वीं में कितने प्रतिशत अंक लाने पर छात्राओं को मिलेगा अवार्ड

सरकार ने गार्गी पुरस्कार के बदले नियम, 10वीं-12वीं में कितने प्रतिशत अंक लाने पर छात्राओं को मिलेगा अवार्ड

राजस्थान सरकार ने बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए गार्गी पुरस्कार के पात्रता नियम बदल दिए हैं. अब राज्य की बोर्ड परीक्षाओं में 75 फीसदी के बजाय 90 प्रतिशत अंक लाने वाली छात्राओं को गार्गी जैसे प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे.

 राजस्थान सरकार ने बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के नियमों में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है जिसके बाद राज्य की होनहार बालिकाओं को मिलने वाले गार्गी पुरस्कार (gargi puraskar) के लिए पात्र बालिकाओं की छंटनी हो जाएगी. सरकार (rajasthan government) के मुताबिक अब राज्य की बोर्ड परीक्षाओं में 75 फीसदी के बजाय 90 प्रतिशत अंक लाने वाली छात्राओं को गार्गी जैसे प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे. मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा सत्र 2020-21 में राज्य की 1.51 लाख बालिकाओं को सरकार गार्गी और बालिका (government school) प्रोत्साहन देने जा रही है. वहीं गार्गी पुरस्कार के लिए बालिका शिक्षा फाउंडेशन ने आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसके लिए राज्य की पात्र छात्राएं 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकती है.

गार्गी पुरस्कार के लिए बदले नियम

बदलाव का कारण - कोरोना काल में पिछले साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई थी जिसके बाद छात्र-छात्राओं को फॉर्मूला बनाकर सीधा पास कर दिया गया था जिसके चलते अब गार्गी पुरस्कार लेने वाली छात्राओं की संख्या काफी बढ़ गई है.


  • सरकार की ओर से बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले शिक्षा सत्र में 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं हुई जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 40:20:20:20 के फार्मूले से रिजल्ट बनाया था जिसमें सभी जिलों में 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम 99% से अधिक रहा, जिसका मतलब हुआ कि 75% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ते हुए करीब 7 लाख के पार पहुंच गई.
  • सरकार ने छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए गार्गी पुरस्कार के नियमों में बदलाव किया है जिसके बाद अब पात्रता के प्रतिशत में 15% की बढ़ोतरी की जाएगी. पात्रता बढ़ाने के बाज अब 10वीं और 12वीं की करीब 1.51 लाख छात्राएं ही पात्र होंगी. मालूम हो कि 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में पात्र छात्राओं को हर साल बसंत पंचमी पर गार्गी और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाते हैं.

सरकार पर करोड़ों रूपए का वित्तीय भार

कोरोना महामारी के चलते पिछली कक्षाओं के अंकों के आधार पर रिजल्ट जारी करने से 2020-21 में 75% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं की संख्या पिछले साल की तुलना में करीब 4 गुना तक बढ़ गई. आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में 10वीं बोर्ड में 3.85 लाख और 12वीं में 3.22 लाख छात्राओं के 75% या इससे अधिक अंक बने हैं, ऐसे में यदि इन सभी को पुरस्कार दिए जाते तो सरकार पर 240 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आता. इसके बाद सरकार ने पात्रता के नियमों में बदलाव कर 180 करोड़ रुपए की बचत की है.

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