✨ नए साल से पहले की आख़िरी शाम ✨
नए साल से पहले की आख़िरी शाम…
🕯️ कुछ यादों का हिसाब माँगती है,
कुछ वादों को फिर से जगा देती है।
⏳ यह शाम न पूरी तरह बीती हुई होती है,
न ही पूरी तरह आने वाली—
यह तो बस
बीते कल और आने वाले कल के बीच की खामोश पुल होती है।
🌆 डूबते सूरज के साथ
कुछ अधूरे सपने भी ढल जाते हैं,
और उगते चाँद के साथ
🌙 नई उम्मीदें आँखों में उतर आती हैं।
🍃 इस आख़िरी शाम में
गलतियों को माफ़ करने का मौका है,
टूटे रिश्तों को जोड़ने की चाह है,
और खुद से एक नया वादा करने की चाहत है।
✨ कि नया साल
सिर्फ़ तारीख़ न बदले,
हम भी थोड़ा बेहतर बदलें।
🌟 अलविदा पुराने साल,
स्वागत है नए सवेरे का…