google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कलियुग में नाम का ही महत्व है!

कलियुग में नाम का ही महत्व है!



तुलसीदासजी राम नाम की महिमा का बखान करते हुए कहते हैं कि कलियुग में नाम का महत्व सबसे ज़्यादा है। सतयुग में भगवान ध्यान से प्रसन्न होते थे। त्रेता युग में भगवान यज्ञ से प्रसन्न होते थे। द्वापर युग में भगवान पूजन से प्रसन्न होते थे। किंतु कलियुग तो घोर पाप का युग है, जिसमें मनुष्य का मन पाप के समुद्र में मछली की तरह रहता है। इसलिए कलियुग में केवल नाम ही कल्पवृक्ष है, जिसे लेते ही संसार के समस्त दुख दूर हो जाते हैं और राम नाम के जप से तो हर इच्छा पूरी हो जाती है।
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