google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 विकास कोष एवं छात्र कोष मद से कर सकने वाले कार्य

विकास कोष एवं छात्र कोष मद से कर सकने वाले कार्य

विकास कोष एवं छात्र कोष मद से कर सकने वाले कार्य 


  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर द्वारा जारी परिपत्र(आदेश दिनांक 3 फरवरी 2016 के अनुसार) राशि का उपयोग विद्यार्थी कोष अथवा विकास कोष के समुचित उपयोग की दृष्टि से प्रत्येक विद्यालय स्तर पर गठित विद्यालय प्रबंधन समिति अथवा विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति उत्तरदायी होगी।
  • यह समिति विद्यार्थी कोष शुल्क अथवा विकास कोष शुल्क के उपयोग हेतु प्रतिवर्ष आवश्यकताओं के संदर्भ में प्राथमिकता तय करेगी जिससे विद्यालय का प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया जा सकेगा और यथासंभव संस्था प्रधान इस कोष से स्वयं के कार्यालय पर व्यय नहीं कर सकेंगे।
  • छात्र हित से संबंधित कार्यों को प्रथम प्राथमिकता प्रदान कर आदर्श वित्तीय मानको अथवा नियमों के अनुरूप पारदर्शी तरीके से राशि खर्च कर सकेंगे।
  • कार्य योजना के अनुरूप व्यय की जाने वाली राशि के प्रस्ताव को एसडीएमसी की कार्यकारिणी समिति से स्वीकृत किया जाना अनिवार्य होगा अपरिहार्य स्थिति में छात्र हित में उक्त समिति की स्वीकृति के बिना व्यय किए जाने पर कार्योत्तर स्वीकृति के पश्चात ही किया हुआ व्यय नियमित माना जाएगा।
छात्र कोष मद से किए जाने वाले कार्य:-
  • 1.विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त संख्या में दरी पट्टी, डेस्क एवं टेबल कुर्सी की कक्षा स्तर अनुसार व्यवस्था करना।
  • 2.कक्षा कक्ष संचालन हेतु चौक ,डस्टर ,सहायक शिक्षण सामग्री व पोस्टर आदि की व्यवस्था करना।
  • 3.उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर बोर्ड , ग्रीन बोर्ड अथवा श्यामपट्ट की व्यवस्था करना।
  • 4.बच्चों के प्रवेश उत्सव पर नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत ,विद्यालय पहचान पत्र बनवाना व अच्छा कार्य करने वाले लोक सेवक अथवा एनजीओ का सम्मान करना।
  • 5.शाला परिसर एवं कक्षा कक्षा में रंग रोगन, वॉल पेंटिंग कक्षा 1 से 5 के लिए लहर कार्यक्रम की भांति, कक्षा 6 से 8 के लिए सामान्य ज्ञान एवं जानकारी एवं कक्षा 9 से 12 के लिए महापुरुषों के चित्र, विभागीय योजनाएं ,भामाशाह एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का विवरण, महापुरुषों के नाम, छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का विवरण विद्यालयों में उपयुक्त स्थानों पर अंकित कराया जाना चाहिए।
  • 6.खेलकूद प्रवृत्तियों के लिए खेल सामग्री यथा फुटबॉल ,वॉलीबॉल ,बॉस्केटबॉल नेट आदि की व्यवस्था करना।
  • 7.खेलकूद प्रतियोगिताएं ,छात्र प्रवृतियां, सांस्कृतिक प्रवृतियां सामाजिक , मनोरंजन उत्सव ,समारोह ,शाला पत्रिका अतिथि सत्कार, निमंत्रण पत्र आदि की व्यवस्था करना।
  • 8.समान अथवा स्थानीय परीक्षा संचालन पर व्यय करना।
  • 9.शारदे बालिका छात्रावास की बालिकाओं हेतु शैक्षिक गतिविधियां।
  • 10.एस यू पी डब्ल्यू एवं कार्य अनुभव गतिविधियां ।
  • 11.पुस्तकालय, वाचनालय हेतु प्रत्येक विद्यालय में समाचार पत्र हिंदी अथवा अंग्रेजी ,पाक्षिक पत्र पत्रिकाएं ,छोटे बच्चों की पत्रिकाएं, महापुरुषों की जीवनी व अन्य पुस्तकों की व्यवस्था ,विद्यालय प्रार्थना सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए माइक ,हारमोनियम ,तबला , ढोलक,रंगोली निर्माण सामग्री आदि की व्यवस्था करना।
  • 12.विद्यार्थियों के प्रगति रिपोर्ट कार्ड की व्यवस्था
  • 13.कक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को प्रमाण पत्र व पुरुस्कार की व्यवस्था
  • 14.प्रत्येक परीक्षा समाप्ति के सात दिवस की अवधि में अभिभावकों के साथ संवाद ,पीटीए बैठक, फोटोग्राफी की व्यवस्था
  • 15.कक्षा 8 से 12 के प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण विद्यार्थियों के साथ अभिभावकों की ग्राम कस्बे के मुख्य मार्ग से रैली निकालना फोटोग्राफी
  • 16.कमरों में पंखे, वाटर कूलर ,वाटर प्यूरीफायर एवं ठंडे पानी हेतु फ्रीज की व्यवस्था ,विद्युत बिल/ पानी का बिल/ टेलीफोन बिल आदि का भुगतान
  • 17.विद्यार्थियों को स्वास्थ्य ,खेलकूद, शिक्षा उन्नयन ,शोध कार्य आदि को प्रोत्साहित किए जाने की दशा में कार्य करना
  • 18.विद्यालय सूचना पट्ट एवं साइन बोर्ड आकर्षक तरीके से बनवाने व ज्ञानार्थ प्रवेश _सेवार्थ प्रस्थान संबंधी पेंटिंग आदि का कार्य करना
विकास कोष से किए जाने वाले कार्य:-

इन सब कार्यों का प्रस्ताव और अनुमोदन शाला विकास एवं प्रबंधन समिति की बैठक में लेना अनिवार्य है, संस्था प्रधान प्रत्येक माह के अंत में विद्यार्थी कोष में उपलब्ध राशि की समीक्षा के लिए उत्तरदायी होंगे

  • 1. विद्यालय परिसर( बाहर _अंदर) में पेड़ कटाई छंटाई, ट्री गार्ड आदि का कार्य। शौचालय आदि की साफ सफाई।
  • 2 .कक्षा कक्षों की माइनर रिपेयर यथा दरवाजे, खिड़की, बिजली फिटिंग, टूट_फूट, पानी लाईन, माईनर सिविल वर्क आदि
  • 3. बालिकाओं हेतु संचालित शारदे बालिका छात्रावासो का विकास।
  • 4.विद्यालय परिसर में मां सरस्वती की प्रतिमा( स्टेचू )का निर्माण।
  • 5.विद्यालय परिसर में पेयजल ,हैंडपंप आदि का निर्माण (जनसहयोग व विकास योजनाओं से)
  • 6. निर्माण कार्यों में खेलकूद मैदान, चारदीवारी, वॉलीबॉल, बॉस्केटबॉल, कोर्ट व ऑडिटोरियम आदि का निर्माण कराना।
नोट:-सरकारी मद का पैसा खर्च करने से पूर्व एक बार विभागीय अद्यतन दिशा निर्देश का  अवलोकन अवश्य कर लेना चाहिए ताकि भविष्य मे कोई विपरीत परिस्थितियों उतपन्न न हो !

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