जीवन में अगर सफलता आती है तो वह प्रसन्नता के साथ ही नई समस्याएं
भी लेकर आती है?
महाभारत का युद्ध खत्म हो चुका था। पांडवों की जीत हो
गई थी और युधिष्ठिर राजा बनने वाले थे। इसके बाद श्रीकृष्ण ने सोचा कि यहां अब
मेरी भूमिका खत्म हो गई है। मुझे द्वारिका लौट जाना चाहिए।
श्रीकृष्ण ने जाने की बात पांडवों से कही तो कुंती ने
उन्हें रोकने की बहुत कोशिश की,
लेकिन श्रीकृष्ण अपनी बुआ कुंती
को समझा चुके थे। जब वे अपने महल में लौटकर आए तो वहां युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण को
रोका और कहा, 'हमारी माता तो आपसे रुकने के लिए
कह ही रही है और मैं भी आपसे विशेष अनुरोध कर रहा हूं कि आप रुक जाएं, क्योंकि मैं अभी बहुत परेशान हूं।'
श्रीकृष्ण ने कहा, 'राजन तुम अभी
इतना बड़ा युद्ध जीते हो, राज बन गए हो। अब क्या परेशानी
है?'
युधिष्ठिर ने जवाब दिया, 'मुझे ये
राजगादी अपने ही लोगों के शव पर चढ़कर मिली है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि
सत्ता इतनी पीड़ा पहुंचा देगी। मेरा अब मन नहीं लगता है। ये राजगादी अच्छी नहीं
लगती है। मैंने सोचा भी नहीं था कि जीत का ऐसा स्वरूप होगा।'
श्रीकृष्ण ने मुस्कान के साथ कहा, 'राजा बनना मुश्किल है। आपको तो धर्म बचाना था और उसके बाद आपको ये
राजगादी मिलना थी। ऐसा तो होगा। याद रखना युधिष्ठिर हर जीत के पीछे एक हार छिपी
होती है। उस हार के बारे में सोच-सोचकर भविष्य के लिए सीख ले लो।
तुम कह रहे हो कि युद्ध में तुम्हारे परिजन मारे गए।
भाई मारे गए। तुम्हें अपनी बहुओं की चीख-पुकार सुनाई दे रही है तो युद्ध में तो ये
सब होता ही है। हर एक जीत एक युद्ध ही है। समझदार व्यक्ति वही है जो जीत के पीछे
जो दुख होता है, उससे सीख लेकर आगे बढ़ता है।
वर्ना व्यक्ति जीत के बाद भी हार जाएगा। इसलिए जीत को
समझो। जो लोग जीत को समझे बिना जीत का आनंद लेने लगेंगे, उनकी स्थिति तो हारे हुए लोगों की तरह हो जाएगी।'
युधिष्ठिर ने बताया कि उन्हें बात समझ आ गई है, लेकिन श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को देखकर समझ गए थे कि इन्हें अभी बात
पूरी तरह समझ नहीं आई है। श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा, 'हमें भीष्म के पास चलना चाहिए, वे ही तुम्हें अच्छी तरह समझा
सकते हैं कि राज धर्म कैसे निभाना चाहिए।'
शिक्षा
जीवन में जब भी सफलता मिलती है
तो हमें प्रसन्नता मिलती है,
लेकिन इसके साथ ही हमारे जीवन
में नई बाधाएं भी आने लगती हैं। इन बाधाओं में उलझना नहीं चाहिए, इनसे सीख लेकर आगे बढ़ जाना चाहिए। सफलता का आनंद लें और तैयार
रहें, क्योंकि आगे और भी बड़ी समस्याओं
का सामना करना है।