पहली राजस्थान विधानसभा (1952-1957)
👉 मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास (मनोनीत) के नेतृत्त्व में जनवरी 1952 में राज्य में पहला विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था।
👉 कुल 160 सीटों में से 139 सामान्य, 16 SC एवं 5 ST के लिये आरक्षित सीटें थी।
👉 प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस के 7 प्रत्याशी विधानसभा हेतु निर्विरोध चुन लिये गये थे।
👉 कांग्रेस को 82, राम राज्य परिषद् को 24, भारतीय जनसंघ को 8, कृषिकार लोक पार्टी को 7, हिन्दू महासभा को 2, कृषक मजदूर प्रजा पार्टी को 1 तथा निर्दलीयों को 35 सीटें प्राप्त हुई।
👉 23 फरवरी, 1952 को प्रथम विधानसभा का गठन हुआ।
👉 जयनारायण व्यास ने दो स्थानों जोधपुर (B) तथा जालौर (A) से चुनाव लड़ा लेकिन वे दोनों सीटों से पराजित हो गये।
👉 प्रथम लोकतांत्रिक सरकार 3 मार्च, 1952 को टीकाराम पालीवाल के नेतृत्व में चुनी गयी।
👉 प्रथम बैठक 29 मार्च, 1952 को जयपुर के सवाई मानसिंह टाऊन हॉल में हुई।
👉 महारावल संग्रामसिंह राजस्थान के प्रथम प्रोटेम स्पीकर थे।
👉 श्री नरोत्तम लाल जोशी (झुन्झुनूं से निर्वाचित) को प्रथम विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया तथा श्री लाल सिंह शक्तावत को उपाध्यक्ष चुना गया।
👉 जयनारायण व्यास मुख्यमंत्री बन सके इसलिए किशनगढ़ क्षेत्र के विधायक चांदमल मेहता से सीट खाली करवायी गयी तथा अगस्त 1952 में जयनारायण व्यास विधायक बने।
👉 1 नवम्बर, 1952 को जयनारायण व्यास को मुख्यमंत्री एवं टीकाराम पालीवाल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
👉 राजस्थान विधानसभा की पहली महिला विधायक श्रीमती यशोदा देवी जो 1953 में बांसवाड़ा से उपचुनाव में निर्वाचित हुई थी।
👉 प्रथम विधानसभा काल में 17 क्षेत्रों में उपचुनाव हुए जो आज तक सर्वाधिक उपचुनाव होने का रिकॉर्ड है।
👉 13 नवम्बर, 1954 को मोहनलाल सुखाड़िया को मुख्यमंत्री बनाया गया।
👉 सुखाड़िया के मंत्रिमण्डल में कमला बेनिवाल को उपमंत्री बनाया गया जो पहली महिला मंत्री बनी। (26 वर्ष की आयु में)
👉 1 नवम्बर, 1956 को केन्द्रशासित प्रदेश अजमेर का भी राजस्थान में विलय कर दिया गया।
👉 अजमेर की 30 सदस्यीय विधानसभा राजस्थान की 160 सदस्यीय विधानसभा में विलित कर दी गयी जिससे द्वितीय विधानसभा के चुनाव तक इसकी सदस्या संख्या 190 रही।
👉 1957 में राजस्थान विधानसभा की सीटों का पुन: निर्धारण किया गया तथा कुल 176 विधानसभा क्षेत्र बनाए गए।
👉 इसके बाद 1967 में 184 तथा 1977 में 200 विधानसभा क्षेत्र स्थापित किये गये जो वर्तमान तक है।
👉 मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास (मनोनीत) के नेतृत्त्व में जनवरी 1952 में राज्य में पहला विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था।
👉 कुल 160 सीटों में से 139 सामान्य, 16 SC एवं 5 ST के लिये आरक्षित सीटें थी।
👉 प्रथम आम चुनाव में कांग्रेस के 7 प्रत्याशी विधानसभा हेतु निर्विरोध चुन लिये गये थे।
👉 कांग्रेस को 82, राम राज्य परिषद् को 24, भारतीय जनसंघ को 8, कृषिकार लोक पार्टी को 7, हिन्दू महासभा को 2, कृषक मजदूर प्रजा पार्टी को 1 तथा निर्दलीयों को 35 सीटें प्राप्त हुई।
👉 23 फरवरी, 1952 को प्रथम विधानसभा का गठन हुआ।
👉 जयनारायण व्यास ने दो स्थानों जोधपुर (B) तथा जालौर (A) से चुनाव लड़ा लेकिन वे दोनों सीटों से पराजित हो गये।
👉 प्रथम लोकतांत्रिक सरकार 3 मार्च, 1952 को टीकाराम पालीवाल के नेतृत्व में चुनी गयी।
👉 प्रथम बैठक 29 मार्च, 1952 को जयपुर के सवाई मानसिंह टाऊन हॉल में हुई।
👉 महारावल संग्रामसिंह राजस्थान के प्रथम प्रोटेम स्पीकर थे।
👉 श्री नरोत्तम लाल जोशी (झुन्झुनूं से निर्वाचित) को प्रथम विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया तथा श्री लाल सिंह शक्तावत को उपाध्यक्ष चुना गया।
👉 जयनारायण व्यास मुख्यमंत्री बन सके इसलिए किशनगढ़ क्षेत्र के विधायक चांदमल मेहता से सीट खाली करवायी गयी तथा अगस्त 1952 में जयनारायण व्यास विधायक बने।
👉 1 नवम्बर, 1952 को जयनारायण व्यास को मुख्यमंत्री एवं टीकाराम पालीवाल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
👉 राजस्थान विधानसभा की पहली महिला विधायक श्रीमती यशोदा देवी जो 1953 में बांसवाड़ा से उपचुनाव में निर्वाचित हुई थी।
👉 प्रथम विधानसभा काल में 17 क्षेत्रों में उपचुनाव हुए जो आज तक सर्वाधिक उपचुनाव होने का रिकॉर्ड है।
👉 13 नवम्बर, 1954 को मोहनलाल सुखाड़िया को मुख्यमंत्री बनाया गया।
👉 सुखाड़िया के मंत्रिमण्डल में कमला बेनिवाल को उपमंत्री बनाया गया जो पहली महिला मंत्री बनी। (26 वर्ष की आयु में)
👉 1 नवम्बर, 1956 को केन्द्रशासित प्रदेश अजमेर का भी राजस्थान में विलय कर दिया गया।
👉 अजमेर की 30 सदस्यीय विधानसभा राजस्थान की 160 सदस्यीय विधानसभा में विलित कर दी गयी जिससे द्वितीय विधानसभा के चुनाव तक इसकी सदस्या संख्या 190 रही।
👉 1957 में राजस्थान विधानसभा की सीटों का पुन: निर्धारण किया गया तथा कुल 176 विधानसभा क्षेत्र बनाए गए।
👉 इसके बाद 1967 में 184 तथा 1977 में 200 विधानसभा क्षेत्र स्थापित किये गये जो वर्तमान तक है।