🔥 फिजिकल हेल्थ अलर्ट: ज्यादा गर्मी में हार्ट अटैक का खतरा 233% तक बढ़ सकता है
हीटवेव में लापरवाही बन सकती है जानलेवा – डॉक्टर से जानें कौन ज्यादा रिस्क में है और कैसे करें बचाव
साल 2019 की एक तपती दोपहर, चीन के जिआंग्सू प्रांत में एक बुजुर्ग किसान खेत में काम कर रहे थे। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार कर चुका था। बाहर निकलते समय उन्हें हल्के चक्कर आए, लेकिन उन्होंने इसे मौसम की वजह समझकर नजरअंदाज कर दिया। दोपहर तक वे बेहोश होकर गिर पड़े — हार्ट अटैक आया था। अस्पताल पहुंचने में देर हुई और उनकी जान नहीं बच सकी।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल के अनुसार, जिआंग्सू प्रांत में सिर्फ 5 साल में 2 लाख से ज्यादा हार्ट अटैक के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से बड़ी संख्या में मौतें हीटवेव और एयर पॉल्यूशन के कारण हुईं।
आज भारत के कई शहरों में भी तापमान 45 डिग्री तक पहुंच रहा है और IMD द्वारा हीटवेव अलर्ट जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में यह खतरा भारत के लिए भी उतना ही गंभीर बन चुका है।
🚨 गर्मी में 233% तक बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा
मेडिकल जर्नल ‘Circulation’ में प्रकाशित स्टडी के अनुसार—
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अमेरिका में ज्यादा गर्मी के कारण इस सदी के मध्य तक
👉 हार्ट अटैक से मौतें 162% तक बढ़ सकती हैं -
अगर ग्रीनहाउस गैसों पर सख्त नियंत्रण नहीं हुआ, तो
👉 2036–2065 के बीच यह बढ़ोतरी 233% तक हो सकती है
यह आंकड़े साफ चेतावनी हैं कि एक्सट्रीम हीट अब सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि दिल के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है।
❓ गर्मी में हार्ट अटैक क्यों होता है?
गर्मियों में शरीर खुद को ठंडा रखने के लिए—
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ज्यादा पसीना बहाता है
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जिससे डिहाइड्रेशन होता है
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स्किन में ज्यादा ब्लड सप्लाई की जरूरत पड़ती है
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इसके लिए हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है
जब तापमान बहुत अधिक हो जाता है, तो दिल पर यह अतिरिक्त दबाव हार्ट अटैक की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है।
👥 किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा?
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अवधेश शर्मा के अनुसार, हीटवेव के दौरान इन लोगों को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है:
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✅ जिनको कोरोनरी आर्टरी डिजीज या हार्ट फेल्योर है
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✅ हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज
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✅ 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग
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✅ गर्भवती महिलाएं
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✅ शहरी गर्म इलाकों में रहने वाले लोग
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✅ खुले में काम करने वाले मजदूर, कंस्ट्रक्शन वर्कर, डिलीवरी मैन
इन समूहों में शरीर की हीट कंट्रोल करने की क्षमता कमजोर होती है, जिससे जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
🛡️ हार्ट अटैक से कैसे करें बचाव? (डॉक्टरी सलाह)
💧 1. पर्याप्त हाइड्रेशन रखें
दिनभर पानी पीते रहें।
➡️ नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी बेहद फायदेमंद हैं।
☀️ 2. तेज धूप से बचें
सुबह 11 से शाम 4 बजे तक बाहर निकलने से बचें।
👕 3. हल्के और ढीले कपड़े पहनें
हल्के रंग के, सूती और पसीना सोखने वाले कपड़े चुनें।
💊 4. हार्ट पेशेंट नियमित दवा लें
डॉक्टर की सलाह के बिना दवा की डोज़ न बदलें।
☕🍺 5. कैफीन और शराब सीमित करें
ये डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं और दिल पर दबाव डालते हैं।
🥗 6. खान-पान में सावधानी रखें
तला-भुना, ज्यादा मसालेदार भोजन कम करें।
हल्का, फाइबरयुक्त भोजन लें।
🚶 7. वॉक और एक्सरसाइज सही समय पर करें
सुबह जल्दी या शाम को हल्की वॉक करें, दोपहर में नहीं।
❄️ 8. एसी से बाहर निकलते वक्त सावधानी रखें
ठंडे कमरे से सीधे तेज गर्मी में न जाएं। शरीर को धीरे-धीरे एडजस्ट होने दें।
🌍 जलवायु परिवर्तन और दिल की सेहत
आज जलवायु परिवर्तन सिर्फ पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि यह हेल्थ इक्विटी का बड़ा सवाल बन चुका है।
गरीब, बुजुर्ग और खुले में काम करने वाले लोग इसकी सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं।
आने वाले वर्षों में एक्सट्रीम हीट और हार्ट डिजीज का रिश्ता और गहरा होने वाला है।
✅ निष्कर्ष
गर्मी अब सिर्फ असहजता नहीं, बल्कि जानलेवा खतरा बन चुकी है।
अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ सकती हैं।
👉 आज ही अपनी और अपने परिवार की हार्ट हेल्थ को प्राथमिकता दें।
👉 पानी पिएं, धूप से बचें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।