भारत की जनगणना 2027: 11,718.24 करोड़ की योजना को मिली मंज़ूरी | पूरी जानकारी
भारत सरकार ने देश की सबसे बड़ी डेटा-संग्रह प्रक्रिया भारत की जनगणना 2027 के लिए 11,718.24 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना को मंज़ूरी दे दी है। यह जनगणना आधुनिक तकनीक और डिजिटल साधनों का उपयोग करते हुए दो चरणों में पूरी की जाएगी। जनगणना सिर्फ आंकड़ों का संकलन नहीं बल्कि देश की नीतियों, योजनाओं और विकास के लिए आधार तैयार करती है।
⭐ जनगणना 2027 के दो प्रमुख चरण
1⃣ गृह-सूचीकरण एवं आवास जनगणना
📅 अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच
इस चरण में देशभर के घरों, सुविधाओं तथा आवास से संबंधित विवरण जुटाए जाएंगे।
2⃣ जनसंख्या गणना
📅 फरवरी 2027
इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी—उम्र, लिंग, शिक्षा, व्यवसाय, भाषाएँ, सामाजिक-आर्थिक स्थिति आदि।
⭐ इतिहास की सबसे बड़ी डिजिटल जनगणना
सरकार इस बार डेटा संग्रह को डिजिटल मोड में कर रही है:
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फील्ड कर्मचारियों के लिए मोबाइल ऐप
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रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए केंद्रीय पोर्टल
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डेटा की गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार
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तेज़ और सुरक्षित डेटा संग्रह
⭐ 30 लाख फील्ड फंक्शनरी होंगी शामिल
लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारी इस ऐतिहासिक कार्य में जुटेंगे। यह भारतीय प्रशासनिक इतिहास का सबसे बड़ा डेटा प्रोजेक्ट होगा।
⭐ जनगणना क्यों महत्वपूर्ण है?
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सरकारी योजनाओं के लिए सही लक्षित आबादी की पहचान
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शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आवास आदि क्षेत्रों की नीति निर्माण
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राज्यों को मिलने वाला वित्तीय आवंटन
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संसाधनों का वैज्ञानिक प्रबंधन
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शहरी एवं ग्रामीण विकास योजना बनाना
⭐ सरकार की नई पहलें क्या बदलेंगी?
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डेटा संग्रह होगा तेज़ और अधिक विश्वसनीय
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कागज़ रहित डिजिटल प्रक्रिया
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नागरिकों की जानकारी सुरक्षित रखने के लिए उन्नत तकनीक
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भविष्य में नीति निर्माण के लिए बेहतर आधार
निष्कर्ष
भारत की जनगणना 2027 सिर्फ एक सर्वेक्षण नहीं बल्कि देश के विकास का रोडमैप तैयार करने की प्रक्रिया है। सरकार द्वारा डिजिटल माध्यम अपनाने से यह जनगणना और भी सटीक, आधुनिक और समयबद्ध हो जाएगी। आने वाले वर्षों में जनगणना से प्राप्त आंकड़े भारत की सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय तस्वीर को नए आयाम देंगे।