google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 रामचंद्रजी को युवराज बनाने का निर्णय

रामचंद्रजी को युवराज बनाने का निर्णय



एक दिन जब राजा दशरथजी दर्पण में अपना मुँह देखकर मुकुट सीधा कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि कानों के पास बाल सफ़ेद हो गए हैं, मानो बुढ़ापा उपदेश दे रहा हो कि हे राजन, अब रामचंद्रजी को युवराज पद देकर गृहस्थ जीवन छोड़ो। तब दशरथजी ने गुरु वशिष्ठजी से कहा कि रामचंद्रजी को युवराज बना दें, ताकि मन में कोई हसरत बाक़ी रहे और जीवन में कोई पछतावा रहे। यह समाचार सुनकर सभी अयोध्यावासी खुश हो गए।
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