google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 पहली बार में ही प्रभावित करें!

पहली बार में ही प्रभावित करें!



आपके बारे में पहली धारणा बनाने में किसी व्यक्ति को पहले-पहल कुछ
क्षणों का समय लगता है और उन इने-गिने निर्णायक क्षणों में लोग आपको एक ही साँचे में ढालने का प्रयास करते हैं। बाद में उस छवि को बदलने की चेष्टा करना और बदलना बहुत कठिन हो जाता है। अत: पहला शानदार प्रभाव जमाने के लिए इन सूत्रों का पालन करें।
पोशाक : पोशाक वास्तव में पहला प्रभाव बना सकती है या बिगाड़ सकती है। यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप हमेशा अवसर के अनुसार उपयुक्त कपड़े पहनें। दुविधा में होने पर बहुत औपचारिक वस्त्र पहनने में कोई पाप नहीं है। एक अच्छी, लुभावनी पोशाक आपकी उम्मीद से अधिक बढिया प्रभाव बना सकती है।
साफ-सुथरा रहना : व्यक्तिगत सुथरापन भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। बाल सँवारे हुए, नाखून ठीक-ठाक कटे हुए हों और बनाव-शृंगार मोहक हो तो बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है।
मुसकान : एक अच्छी दिल से उपजी मुसकराहट जादुई असर कर सकती है। खुलकर और खुशी से हँसें, आपकी मुसकान में वह चमक होनी चाहिए, जिससे लगे कि अमुक व्यक्ति से मिलकर आप वास्तव में खुश हैं। आप अगर किसी का दिल जीतना चाहते हैं, तो उसके लिए आपकी मोहक मुसकान से बढिया कोई अस्त्र नहीं हो सकता।
दृष्टि संपर्क : जब आप पहली बार किसी से भेंट करते हैं, यह जरूरी है कि आप उससे आँख मिलाकर बात करें। दृष्टि संपर्क इस बात का संकेत है कि आप स्पष्ट एवं ईमानदार हैं। इससे आपके बारे में अच्छी धारणा बनती है। सुनिश्चित करें कि आप दृष्टि संपर्क बनाए रखते हैं।
बॉडी लैंग्वेज : आपकी दैहिक भाषा प्रकट होनी चाहिए। अपनी टाँगों या बाँहों को आड़ा-तिरछा रखें, अपने हाथों को इस तरह रखें, जिससे कि
आपकी हथेलियाँ दूसरे व्यक्ति को दिखें।
आत्मविश्वास : आपका शांत-संयत हाव-भाव और आपका विश्वास
दूसरों को अवश्य पसंद आएगा। दूसरी ओर, अगर आप आत्म-संशयी एवं व्याकुल दिखते हैं तो लोग आपके बारे में अनिश्चित महसूस करेंगे और
उनके लिए कोई निर्णय करना आसान नहीं होगा। अत: पहली मुलाकात
के दौरान शांत, संयत और आपे में रहने की कोशिश करें।
सकारात्मकता : यह बात ध्यान में रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि जब
आप पहली बार किसी से मुलाकात करें, आपको सकारात्मक रूप से बात करनी चाहिए, अर्थात् आपकी बात में निश्चय झलकना चाहिए। गपशप या नकारात्मक टिप्पणियों से दूर रहें, भले ही वह मौसम के बारे में ही हो। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो दिन की शुरुआत अच्छी होने या पूरा दिन परेशानी से गुजरने के बावजूद लोगों की राय आपके बारे में यही होगी कि आप सारा समय रोते-खीझते ही रहते हैं। इसलिए, पहली मुलाकात के दौरान हमेशा निश्चयात्मक बातचीत करें।
धैर्यपूर्वक सुनना : दूसरों की बात ध्यान से सुनें। अधिकतर लोग यह
चाहते हैं कि उनकी बात सुनी जाए और जो उनकी बात पर ध्यान देता है, उनका चहेता बन जाता है। अपने बारे में लंबी-चौड़ी हाँकने, आत्म प्रशंसा के लालच से बचें और दूसरे व्यक्ति को बोलने दें। इसका मतलब यह कतई नहीं कि आप सारे समय चुप रहें। सवाल पूछे, दूसरे व्यक्ति में दिलचस्पी दिखाएँ और बातचीत में शामिल हों।
शिष्टाचार : नम्रता और शिष्टतापूर्ण व्यवहार बहुत महत्त्व रखता है। अपने व्यवहार में शिष्टता एवं शालीनता बरतें तथा रुक्ष टिप्पणियाँ करने या जातीय लिंगभेद संबंधी टीका-टिप्पणी करने से बचें।
प्रशंसा करना : सच्ची प्रशंसा सुनकर कौन खुश नहीं होता! यह दवा हमेशा अपना असर दिखाती है। थोड़ा सा भी प्रयास करने पर आपको हर व्यक्ति में कुछ--कुछ प्रशंसा करने योग्य मिल जाएगा। अगर आप स्वभाव से ही ऐसे हैं कि किसी की बड़ाई करना आपको पसंद नहीं तो आपको कुछ अधिक प्रयास करना होगा और अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों से लड़ना होगा।
समय-पाबंदी : सदैव समय पर पहुंचे। इंतजार करानेवालों के प्रति हर
कोई विरक्त हो जाता है- अर्थात् उन्हें पसंद नहीं करता है। इसलिए, कुछ समय पहले ही पहुँचना बेहतर है। पहली मुलाकात के लिए देरी से
पहुँचना बहुत नुकसानदेह हो सकता है।
संक्षिप्त बातचीत : संक्षिप्त बातचीत एक-दूसरे के बीच घनिष्ठता स्थापित करने में सहायक हो सकती है। आखिर में आप कोई--कोई ऐसी बात अवश्य पा जाएँगे, जो दोनों में समान हो। इसलिए नवीनतम समाचारों एवं घटनाओं की पूरी जानकारी रखना आवश्यक है। व्यवसाय
की बात से पहले या उसके बाद नैमित्तिक बातचीत करना संबंध को सुदृढ़ करने में सहायक हो सकता है।
अपने में संयत रहना : अडियल बनें। अपना धैर्य खोएँ और बहुत
अधिक सोच-विचार करें। यह सोचें कि जिन लोगों से आप भेंट करते हैं, वे सब भी आखिरकार इनसान हैं और इससे आपको काफी राहत महसूस होगी।
क्षमाशीलता : याद रखें कि जिस व्यक्ति से आप पहली बार मिल रहे हैं, वह भी शिष्टता दिखाने में भूल कर सकता है। उसे संदेह का लाभ दें और अगर वह शिष्टतापूर्ण व्यवहार में आपकी अपेक्षा पर खरा उतरे, तब भी उनकी भूल को नजरअंदाज करते हुए उसे कुछ समय दें। हो सकता है कि वही व्यक्ति आगे चलकर आपका सबसे अच्छा मित्र साबित हो।

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