अपने जीवन में आप आज जिस जगह हैं उसका कारण यह है कि विगत में आपने यही सोचा था। अगर आप इस बारे में गंभीरता से विचार करें तो पाएंगे कि यह बात सच है। अपने बारे में आप जो सोचते हैं, जिंदगी आपको वही देती है। आप चाहें तो सोचने की शक्ति को नियंत्रण
में कर सकते हैं। वह शायद आपकी नियति को पूरी तरह बदल दे। शुभ या अशुभ के लिए निर्णय आपको करना है कि आप क्या चाहते हैं?
आप जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं, उसे प्राप्त करने की दिशा में अगर आप अपनी सोच नहीं बदलेंगे तो अपने व्यवसाय में कितना भी प्रशिक्षण
प्राप्त करने के बावजूद आपको वे परिणाम नहीं मिलेंगे, जो आप चाहते हैं। आपको अगर ज्यादा धन चाहिए, एक अच्छा घर चाहिए, परिवार के लिए बेहतर सुविधाएँ
चाहिए, एक बेहतर कार चाहिए, परिवार और मित्रों के साथ आप अपने संबंध अधिक अच्छे बनाने की चाहत रखते हैं-वास्तव में आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं, उसके लिए आपको अपनी सोच भी वैसी ही बनानी पड़ेगी।
आप जीवन के प्रत्येक
क्षेत्र में बहुतायत का जीवन जी सकते हैं। अत: क्या आपको यह सब मिल रहा है, जो आप चाहते हैं? यदि नहीं तो उस स्थिति को बदलने के लिए आप यहाँ दिए गए ये साधारण उपाय कर सकते हैं
• अपना ध्यान उसी चीज पर केंद्रित
करें, जो आप चाहते हैं और क्यों चाहते
• निश्चित करें कि अपनी इच्छित वस्तु पाने के बदले में आप क्या देना
चाहेंगे?
• वह तरीका निर्धारित
करें जब वह इच्छित वस्तु आपको मिल जाएगी।
• अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने के लिए एक निश्चित योजना बनाएँ
और तत्काल काम शुरू कर दें।
• आप जो कुछ पाना चाहते हैं, कब तक पाने की उम्मीद रखते हैं। उसके बदले में आप क्या देंगे और वहाँ तक पहुँचने के लिए क्या योजना अपनाएँगे, इस बारे में एक स्पष्ट संक्षिप्त
विवरण लिखें।
• अपने लिखित विवरण को प्रत्येक
दिन दो बार जोर-जोर से पढ़कर
सुनाएँ। सुबह और शाम पढ़ते हुए स्वयं इस बात की तसल्ली करें कि विवरण बिलकुल सही एवं वास्तविक
है।
सँभल जाओ! कुछ ऐसा है, जो आप किसी दूसरे से बेहतर कर सकते हैं। अपने अंदर की आवाज सुनें और उसका पालन करें।
एंड्रयू कार्नेगी
का कहना है, "मन में धारण किया हुआ कोई भी विचार जिसे महत्त्व दिया जाता है, भयभीत करनेवाला
हो या सम्मान के योग्य, उस समय उपलब्ध अत्यंत सुविधाजनक
एवं उपयुक्त भौतिक रूप में ढलना शुरु हो जाना चाहिए।" अगर आप उसके बारे में एक क्षण के लिए भी सोचेंगे, आप देखेंगे कि यह सच है।
अत: आज ही कुछ समय निकालकर उसके बारे में विचार करें। अगर आप अपने विचारों को नियंत्रण
में करना सीख लेंगे तो आप उसे भी नियंत्रित
कर सकेंगे, जो
आपके जीवन में सामने आता है।