A.D = का अर्थ है, एनो डोमिनी (ईसा के जन्म के बाद का समय )
B.P = का अर्थ है, बिफोर प्रेजेन्ट (वर्तमान से पहले के लिए )
विक्रम केलेन्डर < जुलियन केलेन्डर < (ईसा का जन्म 1 ई. में) >शक सम्वत > हिजरी केलेन्डर
58B.C 46 B.C 78 A.D 622 A.D
नोट :- ग्रेगोरियन केलेन्डर 1582 A.D में पॉप ग्रेगोरी ने शुरु किया
ईसाई केलेन्डर 527 B.C डायोनिसियस एक्शिगुअस ने शुरु किया
जुलियन केलेन्डर 46 B.C जुलियस सीजर ने शुरु किया
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कलि संवत 3102 B.C राजा परीक्षित के जन्म के
समय से आरंभ मानी जाती है
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सप्तर्षि संवत 3076 B.C इसे लौकिक संवत भी कहते हैं
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बुद्ध संवत 544 B.C महात्मा बुध के निर्वाण की वास्तविक तिथि 486 B.C थी
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महावीर संवत 527 B.C
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विक्रम संवत 58 B.C इसे प्रारम्भ मालवा के राजा विक्रमादित्य ने किया इसी कारण इसे मालवा संवत भी कहते
हैं
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शक संवत 78 A.D कुषाण शासक कनिष्क ने शको पर विजय के बाद शुरू किया गया जिसे भारत सरकार
ने 22 मार्च
1957 को अधिकारिक कैलेंडर घोषित
किया गया इसे शालिवाहन संवत भी कहते हैं यह भारत का
राष्ट्रीय संवत है
नोट:- ईस्वी संवत को विक्रम संवत में बदलना- ईस्वी
संवत में 57 जोड़कर विक्रम संवत निकाल सकते हैंईस्वी संवत को शक संवत में बदलना- ईस्वी संवत से 78 घटाकर शक संवत प्राप्त किया जा सकता है
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कलचुरी संवत 248 A.D
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गुप्त संवत 319 A.D चंद्रगुप्त प्रथम के द्वारा प्रारंभ किया गया था
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हर्ष संवत 606 A.D कन्नौज के राजा कनिष्क के राज्यारोहण से प्रारम्भ है
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हिजरी संवत 622 A.D हजरत साहब का मक्का त्याग कर मदीना जाने की स्मृति में
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(मदीना जाने को हिजरत कहा
जाता है)
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कॉलम संवत 825 A.D इसे चालुक्य शासक विक्रमादित्य –चतुर्थ उस लागु किया जिसे चालुक्य
विक्रम संवत भी कहा जाता है इलाही संवत् 1554 A.D मुगल सम्राट अकबर के
द्वारा प्रारंभ किया गया
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राजशक 1673 A.D मराठा शिवाजी के राज्यारोहण से प्रारम्भ है
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दशक 10 साल की अवधि
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सिल्वर जुबली 25 साल की अवधि
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रूबी जुबली 40 साल की अवधि
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पूर्वार्ध सदी का प्रथम 50 वर्ष (1 से 50 वर्ष तक)
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गोल्डन
जुबली 50 साल की अवधि
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डायमंड जुबली 60 साल की अवधि
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प्लेटिनम जुबली 75 साल की अवधि
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उत्तरार्ध सदी का दूसरा 50 वर्ष (51 से 100 वर्ष तक)
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सदी/ शताब्दी सौ साल की अवधि
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सहस्राब्दी हजार साल की अवधि
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ग्रेट जुबली 2000 साल की अवधि
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