नार्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? उम्र के हिसाब से जानिए कितना होना चाहिए रक्त शर्करा का स्तर?

नार्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए? उम्र के हिसाब से जानिए कितना होना चाहिए रक्त शर्करा का स्तर?



शरीर को उर्जा प्रदान करने का प्रदान करने का मुख्य स्रोत ग्लूकोज होता है, जब ये रक्त में जमा होने लगता है तो इसे ब्लड शुगर कहा जाता है।


डायबिटीज के रोगियों के लिए यह स्थिति बेहद ही खतरनाक होती है, क्योंकि इसके कारण हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर लेवल को प्रभावित करने में जो कुछ बातें मायने रखती हैं, वो आप ब्लड शुगर लेवल की जांच किस समय करते हैं, क्या खा रहे हैं, उनकी उम्र और स्ट्रेस लेवल है। ब्लड शुगर का घटना-बढ़ना दोनों ही खतरनाक होता है, ऐसे में नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल क्या है ये जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि उम्र के हिसाब से कितना ब्लड शुगर होना चाहिए।

फास्टिंग के दौरान: फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl के बीच होता है। लेकिन अगर फास्टिंग के दौरान ब्लड शुगर का स्तर 100-126 mg/dl के बीच हो जाए, तो उसे प्री-डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि, अगर यह स्तर 130 mg/dl या फिर उससे अधिक हो तो यह बेहद ही खतरनाक माना जाता है।

खाने के 2 घंटे बाद: खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 130-140 mg/dl के बीच होना चाहिए। लेकिन अगर यह स्तर बढ़ा हुआ आ रहा है तो यह डायबिटीज के लक्षण माने जाते हैं। खाना खाने के 2 घंटे बाद अगर ब्लड शुगर लेवल 200-400 mg/dl के बीच हो तो यह बेहद ही खतरनाक स्तर माना जाता है। ऐसे में नियमित तौर पर ब्लड शुगर की जांच करना बेहद ही जरूरी है।

6 साल से 12 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 80 से 180 mg/dl, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140 mg/dL होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 100 से 180 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

13 साल से 19 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 70 से 150 mg/dl, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140 mg/dL होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 90 से 150 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

20 साल से 26 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 100 से 180 mg/dl, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 180 mg/dL होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 100 से 140 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

27 साल से 32 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 100 mg/dl, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 90-110 mg/dL होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 100 से 140 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

33 से 40 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 140 mg/dl से कम, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 160 mg/dl से कम होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 90 से 150 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

40 से 50 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140 mg/dl से कम होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 150 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।

50 से 60 साल की उम्र: इस उम्र में ब्लड शुगर का फास्टिंग शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL, वहीं पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल 140 mg/dl से कम होना चाहिए, जबकि रात में खाने के बाद 150 mg/dl ब्लड शुगर का स्तर होना चाहिए।


ब्लड शुगर को कैसे करें कंट्रोल, जानिए

Blood Sugar: 

मधुमेह एक लाइलाज बीमारी बन चुकी है लेकिन खानपान के नियंत्रण के द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में इस समय 53।7 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। WHO के मुताबिक बीते 30 सालों में मधुमेह पीड़ितों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। 

डायबिटीज मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है जिसमें टाइप 1, टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज शामिल है।
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों का शरीर इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं कर पाता है। इस कारण से ब्लड में ग्लूकोज ज्यादा मात्रा में पहुंचने लगता है और स्वास्थ्य परेशानियां बढ़ने लगती है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस बीमारी के मुख्य कारण खराब जीवन शैली, मोटापा, ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस और नींद की कमी है। आइये जानते हैं कि टाइप 1, टाइप 2 डायबिटीज क्या होती है? और ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल करें-

डायबिटीज के लक्षण क्या हैं? मधुमेह के मरीजों में आमतौर पर ज्यादा प्यास लगना, सामान्य से ज्यादा पेशाब होना, विशेषकर रात में थकान महसूस होना, बिना प्रयास किए वजन कम होना, मुंह में अक्सर छाले हो जाना, असमय आंखों की रोशनी कम होना, घाव भरने में समय लगना जैसे लक्षण देखे जाते हैं। ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण कम उम्र में ही दिखना शुरू हो जाते हैं। जबकि वहीं, टाइप 2 डायबिटीज ज्यादातर अधेड़ उम्र के लोगों में देखी जाती है।

कैसे करें कंट्रोल: मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। एक्सरसाइज करने से ना सिर्फ वजन कंट्रोल रहेगा बल्कि शुगर भी कंट्रोल रहेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट ब्लड शुगर को कम करने में बेहद मददगार है। मरीजों को अधिक से अधिक फाइबर वाले फूड का सेवन करना चाहिए। ब्लड शुगर के मरीजों को पानी का अधिक सेवन करना चाहिए ताकि बॉडी हाइड्रेट रहे। इसके साथ ही तनाव से दूर रहें। पर्याप्त नींद लें। क्योंकि तनाव शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ाता है।
 
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