IPL 2022 मेगा ऑक्शन: कैसे तय होती है खिलाड़ियों की बेस प्राइस, कौन बिका है सबसे महंगा ?

IPL 2022 मेगा ऑक्शन: कैसे तय होती है खिलाड़ियों की बेस प्राइस, कौन बिका है सबसे महंगा ?

IPL 2022 मेगा ऑक्शन: कैसे तय होती है खिलाड़ियों की बेस प्राइस, कौन बिका  सबसे महंगा ?

आईपीएल 2022 की नीलामी में 600 खिलाड़ियों को लिस्टेड किया गया था. ऑक्शन में 377 भारतीय और 223 विदेशी खिलाड़ियों पर बोली लगनी थी. लेकिन  मेगा ऑक्शन में 67 विदेशी खिलाड़ी समेत  कुल 204 प्लेयर्स ही बिके. पहले दिन की नीलामी में 74 खिलाड़ी खरीदे गए, वहीं दूसरे दिन 104 खिलाड़ियों पर पैसों की बरसात हुई.


ध्यान रहे IPL की शुरुआत 2008 में हुई थी और इस बार इसका 15वां सीजन खेला जाएगा।

आज की पोस्ट में  जानते हैं कि आखिर कैसे होती है IPLकी नीलामी, कैसे तय होती है टीमों की बेस प्राइस, क्या है राइट टू मैच कार्ड?

कैसे होता है? नीलामी में खिलाड़ियों  के अलग-अलग ग्रुप का बंटवारा

नीलामी में खिलाड़ियों को तीन कैटेगरी- इंडियन कैप्ड, इंडियन अनकैप्ड और विदेशी खिलाड़ियों में बांटा जाता है। इसके बाद इन खिलाड़ियों को अलग-अलग लॉट में उनकी विशेषता के आधार पर रखा जाता है, जैसे-गेंदबाज, तेज गेंदबाज, स्पिन गेंदबाज, ऑलराउंडर और विकेटकीपर। अपने देश के लिए अब तक इंटरनेशनल मैच नहीं खेलने वाले खिलाड़ी को अनकैप्ड कहा जाता है।

IPL खिलाड़ियों की नीलामी कैसे होती है?

  • ये नीलामी भी किसी और नीलामी की तरह ही होती है। IPL नीलामी के दौरान नीलामी कराने वाला या ऑक्शनर खिलाड़ी के नाम का ऐलान करता है।
  • ऑक्शनर बताता है कि खिलाड़ी क्या करता है यानी बल्लेबाज है या गेंदबाज और किस देश का है और उसकी बेस प्राइस क्या है। इसके बाद टीमें उस खिलाड़ी की बेस प्राइस के अनुसार बोली लगाती हैं।
  • मान लीजिए कि किसी खिलाड़ी की बेस प्राइस 1 या 2 करोड़ रुपए है, तो उस खिलाड़ी की पहली बोली 1 या 2 करोड़ रुपए से ही शुरू होगी। इसके बाद बाकी टीमों के भी बोली लगाने से उस खिलाड़ी की कीमत बढ़ती जाती है।
  • खास बात ये है कि किसी भी खिलाड़ी को उसकी बेस प्राइस से कम कीमत पर नहीं खरीदा जा सकता है। हालांकि, कोई भी टीम किसी खिलाड़ी को उसकी बेस प्राइस पर भी खरीद सकती है।
  • किसी खिलाड़ी के लिए सबसे ऊंची बोली लगने के बाद ऑक्शनर खिलाड़ी पर लगी आखिरी बोली के बारे में तीन बार सभी टीमों को बताने के बाद और अगर कोई टीम रुचि नहीं दिखाती तो सोल्ड कहकर नीलामी प्रक्रिया को पूरा कर देता है।
  •    जो टीम सबसे ऊंची बोली या आखिरी बोली लगाती है, वही खिलाड़ी को खरीदती है और अपनी टीम में शामिल करती है।

  • कई बार किसी खिलाड़ी को खरीदने के लिए दो टीमों के बीच होड़ लग जाती है, इसे बिडिंग वॉर कहते हैं। इससे कई बार खिलाड़ी अपनी बेस प्राइस से बहुत ऊंची कीमत में बिक जाते हैं।
नीलामी में कितने खिलाड़ियों पर लगती है बोली?

  • नीलामी दर नीलामी खिलाड़ियों की संख्या बदलती रहती है। अगर ये मिनी नीलामी है, तो इसमें खिलाड़ियों की संख्या कम होती है।
  • खिलाड़ियों का करार खत्म होने के बाद होने वाली मेगा नीलामी में खिलाड़ियों की संख्या ज्यादा होती है। जैसे-IPL 2022 के लिए मेगा नीलामी है।
  • नीलामी में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की आखिरी संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि नीलामी के लिए रजिस्टर कराए गए खिलाड़ियों में से किन्हें लेकर टीमों ने रुचि दिखाई है।
  • IPL 2022 की नीलामी के लिए कुल 1214 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन इनमें से केवल 590 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया गया।

बेस प्राइस क्या है ,और  कैसे तय होती है खिलाड़ियों की बेस प्राइस?

  • बेस प्राइस वह न्यूनतम कीमत होती है, जिस पर नीलामी में खिलाड़ी की बोली लगती है। बेस प्राइस को खिलाड़ी नीलामी से पहले तय करता है और BCCI को सौंपता है।
  • खिलाड़ी अपने बोर्ड से एक नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC भी लेकर BCCI को सौंपता है, जिसमें लिखा होता है कि उसके बोर्ड की तरफ से उसे IPL में शामिल होने की इजाजत मिल चुकी है।
  • आमतौर पर चर्चित कैप्ड भारतीय खिलाड़ी और विदेशी खिलाड़ी अपनी बेस प्राइस ज्यादा रखते हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि उन्हें नीलामी में ऊंची कीमत मिलेगी। वहीं, अनकैप्ड और कम चर्चित खिलाड़ी अपेक्षाकृत अपनी बेस प्राइस कम रखते हैं।
  • खिलाड़ी बेस प्राइस को तय करते समय अपने पिछले प्रदर्शन, अपनी लोकप्रियता, सोशल मीडिया फॉलोअर्स आदि जैसी चीजों को ध्यान में रखते हैं।
IPL में खिलाड़ी जितने पैसों में खरीदे जाते हैं, क्या उन्हें उतने मिलते हैं?

  • अगर कोई खिलाड़ी पूरे सीजन के लिए उपलब्ध होता है, तो फिर चाहे उसने जितने भी मैच खेले हों, उसे पूरा पैसा मिलता है।
  • अगर सीजन शुरू होने से पहले ही खिलाड़ी चोट की वजह से बाहर हो जाता है, तो टीम को कोई पैसा नहीं देना पड़ता है।
  • अगर कोई खिलाड़ी पूरे सीजन की बजाय कुछ मैचों के लिए उपलब्ध होता है, तो उसे टीमें 10% रिटेनरशिप फीस के साथ उपलब्धता के आधार पर पैसे देती हैं।
  • अगर कोई टीम सीजन के बीच में खिलाड़ी को रिलीज करना चाहती है तो उसे पूरे सीजन के पैसे देने होते हैं।
  • अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट के बीच में चोटिल हो जाता है, तो टीम को उसका मेडिकल खर्च भी उठाना होता है।

अनसोल्ड खिलाड़ी कोनसे होते है ?

अनसोल्ड खिलाड़ी वह होता है, जिस पर नीलामी के दौरान कोई भी टीम बोली नहीं लगाती है या जिसे कोई भी टीम खरीदना नहीं चाहती है। अगर कोई खिलाड़ी पूरी नीलामी प्रक्रिया के दौरान नहीं बिक पाता, तो उसे अनसोल्ड प्लेयर या न बिक पाने वाला खिलाड़ी कहते हैं।

क्या अनसोल्ड खिलाड़ी दोबारा बिक सकता है?

    नीलामी के पहले राउंड में अनसोल्ड रहे खिलाड़ी का नाम नीलामी के अंत में या तेजी से होने  वाली नीलामी प्रक्रिया के दौरान फिर से लाया सकता है। ऐसा तब होता है, जब टीमें उस             खिलाड़ी में इंट्रेस्ट दिखाती हैं।



आईपीएल के अब तक के सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी 

विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन को मुंबई इंडियंस (MI) ने 15.25 करोड़ रुपए में खरीदा जो आईपीएल 2022 की नीलामी में सबसे महंगे बिकने वाले प्लेयर रहे. आईपीएल 2022 की नीलामी में दीपक चाहर को चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) ने14 करोड़ रुपए में खरीदा जो  दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी साबित हुए. 

                         
          उम्मीद है पोस्ट आपको पसंद आई हो तो पोस्ट like share और कमेंट जरुर करे और अपने मिलने वालो को अवश्य बताये !
उपर दी गई जानकारी मे अगर यदि आपका कोई भी विचार,सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए जिससे हम आपकी मदद कर सकें !

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे Like और share जरूर करें ! इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद







Post a Comment

ऑनलाइन गुरुजी ब्लॉग में आपका स्वागत है
ऑनलाइन गुरुजी,ब्लॉग में आप शैक्षिक सामग्री, पाठ्यपुस्तकों के समाधान के साथ पाठ्यपुस्तकों की पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शैक्षिक सामग्री भी यहाँ उपलब्ध कराई जा रही है। यह वेबसाइट अभी प्रगति पर है। भविष्य में और सामग्री जोड़ी जाएगी। कृपया वेबसाइट को नियमित रूप से देखते रहें!

Previous Post Next Post