बोर्ड परीक्षा 2022: मॉडल प्रश्न पत्र कक्षा - 12 हिंदी अनिवार्य
समय : 3.15 घंटे पूर्णांक : 80
खण्ड -1
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिये गये प्रश्नों
के उत्तर दीजिए
राष्ट्र केवल ज़मीन का टुकड़ा ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत होती है
जो हमें अपने पूर्वजों से परंपरा के रूप में प्राप्त होती है। जिसमें हम बड़े होते
हैं,
शिक्षा पाते हैं
और साँस लेते हैं-हमारा अपना राष्ट्र कहलाता है और उसकी पराधीनता व्यक्ति की
परतंत्रता की पहली सीढ़ी होती है। ऐसे ही स्वतंत्र राष्ट्र की सीमाओं में जन्म
लेने वाले व्यक्ति का धर्म,
जाति, भाषा या संप्रदाय कुछ भी हो, आपस में स्नेह होना स्वाभाविक है। राष्ट्र के
लिए जीना और काम करना,
उसकी स्वतंत्रता
तथा विकास के लिए काम करने की भावना राष्ट्रीयता कहलाती है।
जब व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से धर्म, जाति, कुल आदि के आधार पर व्यवहार करता है तो उसकी
दृष्टि संकुचित हो जाती है। राष्ट्रीयता की अनिवार्य शर्त है-देश को प्राथमिकता, भले ही हमें ‘स्व’ को मिटाना पड़े। महात्मा गांधी, तिलक, सुभाषचन्द्र बोस आदि के कार्यों से पता चलता
है कि राष्ट्रीयता की भावना के कारण उन्हें अनगिनत कष्ट उठाने पड़े किंतु वे अपने
निश्चय में अटल रहे। व्यक्ति को निजी अस्तित्व कायम रखने के लिए पारस्परिक सभी सीमाओं
की बाधाओं को भुलाकर कार्य करना चाहिए तभी उसकी नीतियाँ-रीतियाँ राष्ट्रीय कही जा
सकती हैं।
जब-जब भारत में फूट पड़ी, तब-तब विदेशियों ने शासन किया। चाहे जातिगत भेदभाव हो या भाषागत-तीसरा व्यक्ति उससे लाभ उठाने का अवश्य यत्न करेगा। आज देश में अनेक प्रकार के आंदोलन चल रहे हैं। कहीं भाषा को
लेकर संघर्ष हो रहा है तो कहीं धर्म या क्षेत्र के नाम पर लोगों को निकाला जा रहा
है जिसका परिणाम हमारे सामने है। आदमी अपने अहं में सिमटता जा रहा है। फलस्वरूप
राष्ट्रीय बोध का अभाव परिलक्षित हो रहा है।
प्रश्न 1.उपर्युक्त गद्यांश का
उचित शीर्षक लिखिए। [2]
प्रश्न 2. राष्ट्रीयता से लेखक
का क्या आशय है ? दो राष्ट्रभक्तों के
नाम लिखिए। [2]
प्रश्न 3. राष्ट्रीय बोध को
अभाव किन-किन रूपों में दिखाई देता है? [2]
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिये गये प्रश्नों
के उत्तर दीजिए
नीड़ का निर्माण
फिर-फिर
,नेह का आह्वान
फिर-फिर
वह उठी आँधी कि
नभ में,छा गया सहसा
अँधेरा
धूलि-धूसर
बादलों ने,भूमि को इस
भाँति घेरा,
रात-सा दिन हो
गया फिर
,रात आई और काली,
लग रहा था अब न
होगा,इस निशा का फिर
सवेरा,
रात के
उत्पात-भय से,भीत जन-जन, भीत कण-कण
किंतु प्राची से
उषा की,मोहिनी मुसकान
फिर-फिर
नीड़ का निर्माण
फिर-फिर,नेह का आह्वान
फिर-फिर
प्रश्न 4. कवि निर्माण का
आह्वान क्यों करता है?
[2]
प्रश्न 5. आँधी तथा बादल किसके
प्रतीक हैं ? इनके क्या परिणाम
होते हैं ? [2]
प्रश्न 6. उषा की मुसकान मानव-मन को क्या प्रेरणा देती है? [2]
खण्ड -2 प्रश्न
प्रश्न 7.दिए गए बिन्दुओं के आधार
पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबन्ध लिखिए: [5]
(क) योग की उपादेयता
(ख) मूल्य वृद्धि
/बढती महंगाई
(ग) राष्ट्र निर्माण में युवओं का योगदान
(घ) शिक्षा में खेल
कूद का महत्व
प्रश्न 8. सचिव,
शिक्षा विभाग, राजस्थान, जयपुर की ओर से आयुक्त,
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को एक
अर्द्धशासकीय पत्र लिखिए, जिसमें सरकारी विद्यालय के विद्यार्थियों की
नियमित स्वास्थ्य जाँच का आग्रह हो। [4]
अथवा
आयुक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जयपुर
द्वारा सरकारी अस्पतालों में दवा वितरण हेतु निविदा प्रारूप तैयार कीजिए ।
प्रश्न 9. संचार क्या है? संचार के प्रकार बताइए। [2]
प्रश्न 10.उल्टा पिरामिड-शैली क्या होती है? [2]
प्रश्न 11. फ़ीचर क्या है ? फ़ीचर कितने प्रकार के होते
हैं? [3]
खण्ड-3
प्रश्न 12. भाषा के चिह्नों को
प्रकट करने का माध्यम है - [1]
(क)ध्वनि (ख)लिपि (ग)व्याकरण (घ)
वाक्य
प्रश्न 13.भाषा की सबसे छोटी इकाई
है - [1]
(क)वर्ण (ख)शब्द (ग)पद (घ)
वाक्य
प्रश्न 14.व्यंजना शब्द शक्ति को
उदाहरण सहित समझाइये ? [2]
प्रश्न 15.कागा काको धन हरे ,कोयल
काको देय
मीठा शब्द सुनाय के,जग अपनों करी लेय ।।पंक्तियों में कोनसा अलंकार है परिभाषा लिखिए । [2]
प्रश्न 16.पारिभाषिक शब्दों के अर्थ लिखिए - [2]
(क)Ballot
(ख) Gazetted
खण्ड -4
प्रश्न 17.निम्नलिखित पद्यांश
की सप्रसंग व्याख्या कीजिए [6]
मैं और, और जग और, कहाँ का नाता,
मैं बना-बना कितने जग रोज मिटाता,
जग जिस पृथ्वी पर जोड़ा करता वैभव,
मैं प्रति पग से उस पृथ्वी को ठुकराता!
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ,
हों जिस पर भूपों के प्रासाद निछावर,
मैं वह खंडहर का भाग लिए फिरता हूँ।
प्रश्न 18.निम्नलिखित गद्यांश की
सप्रसंग व्याख्या कीजिए [6]
बाजार में एक जादू है। वह
जादू आँख की राह काम करता है। वह रूप का जादू है जैसे चुंबक का जादू लोहे पर ही चलता है, वैसे ही इस जादू की भी मर्यादा है। जेब भरी हो, और मन खाली हो, ऐसी हालत में जादू का असर खूब होता है। जेब खाली पर मन भरा न हो, तो भी जादू चल जाएगा। मन खाली है तो बाजार की अनेकानेक
चीज़ों का निमन्त्रण उस तक पहुँच जाएगा। कहीं उस वक्त जेब भरी हो तब तो फिर वह मन
किसकी मानने वाला है। मालूम होता है यह भी लें. वह भी लें। सभी सामान जरूरी और आराम को बढ़ाने वाला मालूम
होता है।
प्रश्न 19. कैमरे में बद
अपाहिज कविता में ‘हम समर्थ शक्तिमान-हम एक दुबल को लाएँगे’ पक्तियों के माध्यम से कवि ने क्या कहना चाहा है? [5]
प्रश्न 20. सबसे तेज बौछारों
के साथ भादों के बीत जाने के बाद प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण ‘पतग’ कविता के आधार पर
अपने शब्दों में कीजिए। [5]
प्रश्न 21. कवि के जीवन में ऐसा क्या-क्या है जिसे उसने सहर्ष स्वीकारा [2]
प्रश्न 22. ‘पहलवान की ढोलक’ पाठ के आधार बताइए कि लुट्टन सिंह ढोल को अपना गुरु क्यों
मानता था?
[3]
प्रश्न 23. निम्न रचनाकारों का परिचय
दीजिए [5]
1. महादेवी वर्मा
2.जय शंकर प्रसाद
खण्ड -5
प्रश्न 24. यशोधर बाबू की
कहानी को दिशा देने में किशन दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन में किसका
महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?
[6]
प्रश्न 25. 'सिल्वर वैडिंग' पाठ के लेखक का नाम क्या है? [1]
प्रश्न 26.“सिल्वर वैडिंग” कहानी किस बारे में बताती
हैं – [1]
प्रश्न 27. जूझ कहानी के लेखक कौन हैं ? [1]
प्रश्न 28. जूझ कहानी किस
उपन्यास से ली गई है? [1]
प्रश्न 29. जूझ कहानी में आपको किस पात्र ने सबसे अधिक प्रभावित किया। [1]
प्रश्न 30. “जूझ” कहानी आज के युवा किशोर /किशोरियों को किन जीवन मूल्यों की प्रेरणा दे सकती हैं ? [1]