google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 भौगोलिक संकेतक, GI Tag क्या होता है ? राजस्थान में जीआई टैग ।

भौगोलिक संकेतक, GI Tag क्या होता है ? राजस्थान में जीआई टैग ।


जीआई टैग क्या है ?

GI = Geographical Indication.  = भौगोलिक संकेतक

जीआई मुख्य रूप से कृषि, प्राकृतिक या एक निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है, जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होता है।
                            किसी वस्तु या उत्पाद की किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में हुई उत्पत्ति तथा उससे जुड़े गुणों को सूचित करने हेतु जी आई टैग दिया जाता है।

यह उसी उत्पाद को दिया जाता है जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में 10 वर्ष या अधिक समय से निर्मित या उत्पादित किया जा रहा हो।
जीआई टैग को औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार के तत्व के रूप में शामिल किया गया है।

जीआई टैग मिलने के बाद कोई भी अन्य निर्माता समान उत्पादों को बाजार में लाने के लिए नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीआई टैग को डब्ल्यूटीओ के व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकारों के ट्रिप्स समझौते के तहत नियंत्रित किया जाता है।

भारत में जीआई को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और सुरक्षा) अधिनियम 1999 के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
यह अधिनियम 2003 में लागू हुआ।

पहला जीआई टैग 2004 में दार्जिलिंग चाय को दिया गया।


2019 में मिले जीआई टैग

  • पंचतीर्थम - मुरूगन मंदिर (तमिलनाडु)
  • रसगुल्ला - ओडिशा
  • कंधमान हल्दी - ओडिशा
  • मरयूर गुड - केरल
  • तिरूर पान का पत्ता - केरल
  • जोहा धान - असम
  • कोल्हापुरी चप्पल - महाराष्ट्र और कर्नाटक
  • डिंडीगुल के ताले - तमिलनाडु
  • कंडांगी साड़ियां - तमिलनाडु

अन्य प्रमुख जीआई टैग

  • नागपुरी संतरा - महाराष्ट्र
  • वायनाड रॉबस्टा कॉफी - केरल
  • अरेबिका कॉफी - कर्नाटक
  • सिरसी सुपारी - कर्नाटक
  • इरोड हल्दी - कोयंबटूर (तमिलनाडु)
  • काला जीरा - हिमाचल प्रदेश
  • तिरुपत्ति लड्डू - चितूर (आंध्रप्रदेश)
  • मधुबनी पेंटिंग - बिहार
  • चंदेरी साड़ी - मध्यप्रदेश
  • बनारसी साड़ी - उत्तरप्रदेश
  • लखनऊ चिकनकारी - उत्तरप्रदेश
  • कश्मीरी पश्मीना - जम्मू-कश्मीर

राजस्थान में जीआई टैग

सोजत मेहंदी को जीआई टैग मिला

सितंबर 2021 में राजस्थान की 'सोजत मेहंदीको जीआई टैग का दर्जा मिला है।

राजस्थान की निम्न 12 वस्तुओं (लोगो सहित शामिल करने पर 16) को जीआई टैग दिया जा चुका है -

राजस्थान के प्रमुख भौगोलिक संकेतकGI Tag 

1.बगरू प्रिंट  ( हस्तशिल्प) जयपुर

2. बीकानेर भूजिया (खाद्य वस्तु) बीकानेर

3. ब्लू पाटरी ( हस्तशिल्प) जयपुर

4. ब्लू पाटरी ( लोगो)  ( हस्तशिल्प) जयपुर

5. कठपुतली  ( हस्तशिल्प) राजस्थान

6. कठपुतली (लोगो) ( हस्तशिल्प) राजस्थान

7. कोटा डोरिया  ( हस्तशिल्प) कोटा

8. कोटा डोरिया (लोगो) ( हस्तशिल्प) कोटा

9. मकराना संगमरमर ( प्राकृतिक वस्तु) मकराना नागौर

10. मोलेला मिट्टी कार्य  ( हस्तशिल्प) मोलेला नाथद्वारा, राजसमंद

11. मोलेला मिट्टी कार्य (लोगो) ( हस्तशिल्प) मोलेला नाथद्वारा राजसमंद

12. फुलकारी  ( हस्तशिल्प) राजस्थान, पंजाब , हरियाणा

13. सांगानेरी प्रिंट  ( हस्तशिल्प) जयपुर

14. थेवा कला  ( हस्तशिल्प) प्रतापगढ़

15. पोकरण पाॅटरी  ( हस्तशिल्प) पोकरण जैसलमेर (2018)
16. सोजत मेहंदी (मेहंदी) 2021  सोजत पाली

 

जीआई टैग लिस्ट 2020

हाल ही 30 अप्रैल 2020 को मणिपुर के काले चावल (चाक-हाओ), गोरखपुर के टेराकोटा और तमिलनाडु की कोविलपट्टी कदलाई मितई को जीआई टैग दिया गया है।
टेराकोटा - दोमट मिट्टी से तैयार की गई छोटी-बड़ी आकृतियां और मूर्तियां।
कोविलपट्टी कदलाई मितई  - मूंगफली और गुड़ से बनी एक कैंडी
कश्मीरी केसर को भी जीआई टैग प्रदान किया गया है।
केसर की खेती करेवा मिट्टी में की जाती है।

ईरान विश्व में केसर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
हाल ही मई 2020 में झारखंड की दो प्रमुख लोक चित्रकलाओं सोहराय व कोहबर को जीआई टैग दिया गया है।
यह झारखंड को किसी भी श्रेणी में मिला पहला जीआई टैग है।

साथ ही तेलंगाना के तेलिया रुमाल को जीआई टैग मिला है।

 

सिक्किम की लाल चेरी मिर्च को जीआई टैग
हाल ही अक्टूबर 2020 में सिक्किम की लाल चेरी मिर्च को जीआई टैग दिया गया है। इसे स्थानीय रूप से “Dalle Khursani” (डले खुर्सीनी) के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्चों में से एक मानी जाती है।

हाल ही नवंबर 2020 में असम की तेजपुर लीची को GI टैग मिला है।

जीआई टैग लिस्ट 2021

  • हापुस आम - महाराष्ट्र
  • मिट्टी के खिलौने - तमिलनाडु
  • नागा खीरा - नागालैंड
  • नागा मिर्च - नागालैंड
  • वाडा कोलम चावल - पालघर (महाराष्ट्र)
  • इसे ज़िनी या झिनी चावल भी कहते हैं।
  • जुडिमा राइस वाइन - असम इसे दिमासा भी कहते हैं।


दीवारों और कपड़ों पर परंपरागत और कलात्मक तरीके से उकेरी जाने वाली झारखंड की सोहराय और कोहबर लोक कला को जीआई टैग मिला है।

Post a Comment

ऑनलाइन गुरुजी ब्लॉग में आपका स्वागत है
ऑनलाइन गुरुजी,ब्लॉग में आप शैक्षिक सामग्री, पाठ्यपुस्तकों के समाधान के साथ पाठ्यपुस्तकों की पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए शैक्षिक सामग्री भी यहाँ उपलब्ध कराई जा रही है। यह वेबसाइट अभी प्रगति पर है। भविष्य में और सामग्री जोड़ी जाएगी। कृपया वेबसाइट को नियमित रूप से देखते रहें!

Previous Post Next Post