चलो मान लिया जाय कि ** नागभट प्रतिहार - राजपूत, मिहिर भोज - राजपूत, पृथ्वीराज चौहान -
राजपूत,अनंगपाल तंवर - राजपूत, मिहिरकुल
हूण – राजपूत बप्पा रावल - राजपूत,
· लेकिन समस्त महत्वपूर्ण स्थान गुर्जरों के नाम पर ही
क्यों?
· गुर्जरों के नाम
पर ही क्यों है - गुजरात,भारत
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है- गुजरात,पाकिस्तान,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गूजरखानशहर,पाकिस्तान
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है- गुजरांवाला,पाकिस्तान
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गोजर,पाकिस्तान
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-खारियां, पाकिस्तान
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर देश(गुर्जर शासनकाल में राजपूत देश क्यों नही)
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-जालोर (लोर गुर्जरो पर)
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जिस्तान (आज का जॉर्जिया)
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-सारे अभिलेख-शिलालेख
· गुर्जरों के नाम
पर ही क्यों है -गुर्जरीवाला ,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-प्रतिहारी गुर्जर,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-मिहिरावली( महरौली)
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-राष्ट्रगान में गुजरात,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-राजपूतो में बडगूजर गोत्र
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-अरबो द्वारा गुणगान,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गूजरांवाला,पाक पंजाब
· गुर्जरों के नाम
पर ही क्यों है-गुर्जरी गहने,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर स्थापत्य कला,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर चित्रकला,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-मरूगुर्जर निर्माण शैली,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर रणनृत्य,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जरेश व गुर्जरराज,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जराधिराज, गुर्जरेन्द्र,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जरराष्ट्र, गुर्जरधरा,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जरदेश, गुर्जराधिपति,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर चरी नृत्य,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जरी गजल, गुर्जरीगीत
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-राग गुर्जरी ।
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य,
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-शत्रु संहारक अर्थ ।
· गुजुर ही क्यों
लिखा हुआ है-कनिष्क के अभिलेख में।
· गुर्जरो के नाम पर
ही क्यों है-पम्पमहाभारत में महिपालदेव प्रतिहार को -- दहाडता हुआ गुर्जर ।।
· नागभट ने भी खुद
को क्यों लिखवाया-गुर्जरप्रतिहरावन्य (गुर्जरों के प्रतिहार वंश से)
· गुर्जरों का ही
नाम क्यों-अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान में
· गुर्जरों के ही
निशान क्यों-हिन्द से हंगरी और रोमानिया तक।
· गुर्जरों के नाम
पर ही क्यों है-गुर्जरी भाषा ( शाम को रेडियो को कश्मीर चैनल पर लगाए वो कहेंगे अब आप गुर्जरी भाषा में समाचार सुनिये )
· गुर्जर वंश
के शिलालेख !!
नीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है ।
राजजर शिलालेख" में वर्णित "गुर्जारा प्रतिहारवन" वाक्यांश से। यह ज्ञात है कि प्रतिहार गुर्जरा वंश से संबंधित थे।
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GURJAR HISTORY