google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 वर्ष के 12 माह शाश्वत दाम्पत्य कलेंडर!!

वर्ष के 12 माह शाश्वत दाम्पत्य कलेंडर!!


जनवरी मे आगाज होता है
नववर्ष का,
पति-पत्नी के बीच बिगुल
बज जाता है संघर्ष का!

मकर संक्रांति पर पत्नी
तिल का ताड बनाकर
लताडती है,
छब्बीस जनवरी को
पति की छाती पर
अपना झंडा गाड़ती है!

इसी बीच फ़रवरी आती है..
महाशिवरात्रि महापर्व
पर पत्नी अपने ब्रत
का असर मांगती है,
पति के सामने ही
भगवान से दूसरा वर
मांगती है!

मार्च मे होली..
रंगों की ठिठोली,
तब तो भगवान ही
रखवाला होता है,
पत्नी लाल पीली..
पति का मुह काला होता है!

अप्रैल मे अप्रैल फूल..

मई मे मजदूर दिवस..

जून मे जून ख़राब होती है..

जुलाई के सावन भादो खलते है,

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस..
पति के मन में आज़ाद
होंने के अरमान पलते हैं!

सितम्बर में गणपति
बप्पा मोरया..
गण के साथ पति लगा है,
इसलिए बिसर्जन हो रिया!

अक्टूबर में डांडिया
का नजारा सीधा सट्ट है,

पति पत्नी नाच रहे हैं
दोनों के हाथ में लट्ठ है!
लट्ठ की दहशत कुछ
करने नहीं देती है,

पत्नी जीने नहीं देती है..
करवाचौथ मरने नहीं देती है!

नवम्बर में बीवी बच्चे
और बाजार मिलकर
लूटते हैं,

दीपावली के सारे पटाखे
पति की खोपड़ी पर फूटते है!

अंत में दिसंबर..
बेटा कुछ कर!
पति क्रिसमस पर
चर्च में जा कर माथा
टेकता है,
वहां भी ईसा मसीह को
सूली पे टंगा देखता है!
ईसा ईश्वर
पति परमेश्वर..
दोनों की एक ही गति
एक ही नियति..
समझ जाता है पति!!
सारे गम भूल जाता है..
फिर से हैप्पी न्यू इअर के
झूले में झूल जाता है!

ये भारतीय पति पत्नी के
प्यार का बवंडर है!
हर वर्ष का
शाश्वत दाम्पत्य कलेंडर है!!
गुर्जर इतिहास/मारवाड़ी मसाला के लिए ब्लॉग  पढे  :-https://gurjarithas.blogspot.com

सम्पूर्ण कथा जानने के लिएं इस ब्लॉग को FOLLOW जरूर करे...

Previous Post Next Post