ध्वजारोहण
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान है।
तीन रंगो से रंगा तिरगां, अपनी यह पहचान है।।
भारत का तिरंगा लहराता ही
रहेगा,
पाक मेरे नापाक इरादों को
जलाता ही रहेगा,
मेरे तन से कलम कर दो फिर
भी,
भारत का सैनिक वन्दे मातरम
गुनगुनाता ही रहेगा।।
आज तिरगा फहराता है अपनी पूरी शान से।
हमें
मिली आजादी वीर शहीदों के बलिदान से।।
दे सलामी इस तिरंगे को जैसी इसकी शान
है।
सर हमेशा ऊचां रखना इसका जब दिल में जान है।।
ए खुदा तेरे दरबार मे हमारी
एक अमानत रखना।
बहती दुनिया देश को सलामत रखना।।
‘‘जमीं सलाम करें आसमां सलाम करे,
कुछ काम ऐसा कर मेरे ऐ दोस्त,
कि सारा जहाँ सलाम करे।।
मेरी खुषनसीबी है कि मिली जिन्दगी इस चमन मे।
भुला न सकेंगे इसकी खुषबु सातो जन्म में।।
आओ झुककर करें सलाम उन्हे, जिनके हिस्से मे ये मुकाम
आता है।
कितने खुशनसीब है वो लोग, जिनका खुन वतन के काम आता
है।।
जो भरा नही भवो से बहती जिसमें रसधार
नहीं।
वह हृदय नहीं पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।।
किसी को लगता
है हिन्दू खतरे में है किसी को लगता है मुसलमान खतरे मे है।
धर्म का चस्मा उतारकर देखो यारों, पता
चलेगा की हमारा हिन्दुस्तान खतरे मे है।।
ये बात हवाओं
को बताये रखना,रोशनी
होगी चिरागो को जलाये रखना।
लहू देकर जिसकी हिफाजत की है, ऐसे
तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।।
अंधिकार मिलते नही लिए जाते है, आजाद
है मगर गुलामी किए जाते है।
वन्दन करो उन
सैनानियों को जो मौत के आंचल मे जिए जाते है।।
होली वही जो स्वाधीनता की आन बन जाये।
होली वही जो गणंतन्त्र की शान बन जाये।।
भरो पानी पिचकारियों मे ऐसे तीन रंगो की
जो कपड़ो पर पड़े तो हिन्दुस्तान बन जायें।।
कौम को कबिलो मे मत बाटिंये,
लम्बी दुरियों
को मीलो मे मत बाटिएं।
अरे! बहता दरिया
है मेरा हिन्दुस्तान नदियों और झीलों मे मत बाटिंए।।
मोक्ष पाकर स्वर्ग मे रखा क्या है, जीवन सुख तो मातृभुमि की धरा
पर है।
तिरंगा कफन बन जाये इस जन्म में, तो इससे बडा़ धर्म क्या है।।
करता हू भारत माता से गुजारिश की तेरी भक्ति के
सिवा कोई जिन्दगी न मिले।
हर जन्म मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा
पर या फिर कभी जिन्दगी ना मिले।।
भारत के गणतंत्र का सारे जग मे मान है।
छह दशकों से खिल रह उसकी
अद्भुतशान है।।
हाथ
जिनमें हो जुनून कटते नहीं तलवार से।
सर जो उठ जाते है वो झुकते नहीं ललकार से।।
जिन्दगी एक अभिलाशा है, क्या गजब इसकी परिभाषा है
जिन्दगी
क्या है मत पुछो दोस्तो, संवर
गई तो दुल्हन और बिगड़ गई तो तमाशा है।।
जीत और हार आपकी सोच पर ही निर्भर करती
है।
मान
लो तो हार होगी और ठान लो तो जीत होगी।।
दिपावली मे हे अली रमजान मे राम।
इसलिए तो है मेरा भारत महान।।
ना तेरा है न मेरा है ये हिन्दुस्तान
सबका है
गर नही समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है
चरण
पखारे हिन्द रत्नाकर ,सिर पर कंचनजघा है।
इस
धरती से उस अम्बर तक, तीन ही चीज ही गजब की है।
एक
भगत सिंह दूसरी गगां तीसरा झडां तिरंगा है।।
कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभुमि
की शान का है।
हम लहरायेगें हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिन्दुस्तान का है।।
गुर्जर इतिहास व मारवाड़ी
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26 जनवरी स्पेशल