नारी
श्रद्वा विशेष
बिजली जब चमकती है तो आकाश बदल देती है।
आँधी जब उठती है तो दिन रात बदल देती है।।
धरती जब दरकती है तो सीमान्त बदल देती है।
और नारी जब गरजती है तो इतिहास बदल देती है।।
नारी तु नारायणी, नारी से संसार।
जो नारी खुश रहे,
तो सुखी रहे परिवार।।
नारी को तुम ना सताओ नारी गुण की खान है।
इनको
खूब पढाओं तुम ये है भरत की शान है।।
सतियों के नाम पर तुझे जलाया, मीरा के नाम पर तुझे जहर पिलाया।
सीता जैसी अग्नि परीक्षा आज भी जंग मे जारी है,
कोमल है कमजोर नहीं तू शक्ति का नाम ही
नारी है,
सबको जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है
गुर्जर इतिहास व मारवाड़ी
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26 जनवरी स्पेशल