रामायण
भारत का आदि महाकाव्य रामायण
रचयिता वाल्मीकि
भाषा संस्कृत लिपि ब्राह्मी
रचनाकाल 550 B.C
इसे चतुर्विशति साहस्री संहिता भी कहा जाता है !
रामायण में सात कांड 500 सर्ग व 24000 श्लोक
1.बालकांड राम का बचपन
2.अयोध्याकांड राम का राज्याभिषेक
3.अरण्यकांड पंचवटी में निवास व सूर्पनखा रावण की बहन से भेंट
4.किस्किंधाकांड राम सुग्रीव से मित्रता
5.सुंदरकांड हनुमान द्वारा सीता को सांत्वना
6.युद्धकांड रावण पर राम की विजय सबसे बड़ा कांड है इसे लंका कांड भी कहते है !
7.उत्तरकांड रावण वध राम की अयोध्या वापसी
रामायण का फारसी अनुवाद अबुल कादिर बदायूनी ने किया
तमिल में अनुवाद कंबन ने किया
महाभारत
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विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य
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महाभारत रचयिता महर्षि
वेदव्यास
भाषा संस्कृत लिपि ब्राह्मी रचनाकाल 400 B.C
जय का अर्थ है विजय संबंधी
श्लोको के अधार पर नामकरण
8000 श्लोक थे तब नाम जय सहिंता
24000 श्लोक थे तब नाम भारत
100000 श्लोक थे तब नाम शतसाहस्री सहिंता
महाभारत का प्रारंभिक उल्लेख आस्वलाय्न गृह सूत्र में मिलता है
महाभारत में कुल 18 सर्ग/पर्व है
1 आदि पर्व 2 सभा पर्व 3 वन पर्व 4 विराट पर्व 5 उद्योग पर्व 6 भीष्म पर्व 7 द्रोण पर्व 8 कर्ण पर्व
9 शल्य पर्व 10 सौप्तिक पर्व 11 स्त्री पर्व 12 शांति पर्व 13 अनुशासन पर्व 14 अश्वमेघ पर्व 15 आश्रमवासी पर्व 16 मोसल पर्व 17 महाप्रस्थानिक पर्व 18 स्वर्गारोहण पर्व
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भीष्म पर्व का भाग गीता
कहलाता है इसमें कर्म भक्ति ज्ञान का संगम मिलता है
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गीता में ही सर्वप्रथम
अवतारवाद का उल्लेख किया गया
है
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सबसे बड़ा शांति पर्व है
श्रीमद भागवत गीता उल्लेख भीष्म पर्व में
शिक्षा : निष्काम कर्म योग व पुनर्जन्म
सम्पूर्ण अध्याय 18 (6 भक्ति , 6 ज्ञान , 6 कर्म )
हिंदी अनुवाद : बाल गंगाधर तिलक (गीता रहस्य)
संस्कृत अनुवाद : शंकराचार्य (गीता भाष्य )
फारसी अनुवाद : दारा शिकोह (गीता)
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