प्रश्नोतर कक्षा -12
प्रश्न – जनसंचार के कौन-कौन से लोकप्रिय माध्यम वर्तमान में प्रचलित हैं ?
उत्तर – टेलीविजन एवं इंटरनेट लोकप्रिय माध्यम
वर्तमान समय में उपलब्ध है।
प्रश्न – समाचार लेखन के छ: ककार कौन कौन से हैं?
उत्तर – समाचार लेखन के छ: प्रकार क्या , कौन , कहां , कब , क्यों , कैसे, है।
प्रश्न – भारत का पहला छापाखाना कब और कहां खुला ?
उत्तर – भारत में सर्वप्रथम गोवा में सन 1556 में पहला छापाखाना खुला।
प्रश्न – हिंदी में प्रकाशित होने वाले मुख्य
समाचार पत्रों के नाम लिखिए ?
उत्तर – नवभारत टाइम्स , हिंदुस्तान , दैनिक जागरण , अमर उजाला , दैनिक भास्कर आदि
प्रश्न – उल्टा पिरामिड शैली किसे कहते हैं ?
उत्तर – समाचार लेखक की लोकप्रिय शैली को उल्टा पिरामिड शैली हैं। इसमें सबसे
महत्वपूर्ण तथ्य को सबसे पहले लिखा जाता है , उसके बाद घटते हुए क्रम में अन्य तथ्य
को लिखा जाता है। जिस प्रकार नाटक में क्लाइमैक्स अंत में आता है , यहां ठीक उसके विपरीत होता है। समाचार लेखन में क्लाइमैक्स पहले ही
आता है , उसके बाद विवरण शैली में समाचार लिखा जाता है।
प्रश्न – जनसंचार का माध्यम कौन-कौन सा है ?
उत्तर – जनसंचार के प्रमुख माध्यम मुद्रित , प्रिंट , टेलीविजन , रेडियो एवं इंटरनेट है।
प्रश्न – जनसंचार का सबसे प्राचीन माध्यम कौन सा
है?
उत्तर – जनसंचार का सबसे प्राचीन माध्यम
प्रिंट अर्थात मुद्रित है ,जिसके अंतर्गत समाचार पत्र ,पत्रिकाएं ,किताबें आदि आती है।
प्रश्न – रेडियो जनसंचार का कैसा माध्यम है ?
उत्तर – रेडियो जनसंचार का श्रव्य माध्यम है।
जिसमें शब्द , ध्वनि , स्वर आदि प्रमुख होते हैं। इसमें ध्वनि के माध्यम से ही समाचार , कहानी अथवा संपूर्ण वार्तालाप होती है
, यह तरंग के माध्यम से कार्य करता है।
प्रश्न – उल्टा पिरामिड शैली से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – उल्टा पिरामिड शैली समाचार की एक प्रमुख शैली है। इस शैली में ही
समाचार लिखा जाता है। उल्टा पिरामिड से ही स्पष्ट होता है कि इसमें घटते हुए क्रम
में तथ्यों अथवा सूचनाओं को दिया अथवा बताया जाता है। जिस प्रकार कहानी में
क्लाइमेट अंत में आता है , समाचार शैली में क्लाइमेट पहले ही
प्रकट किया जाता है , उसके उपरांत पूरी घटनाओं को बताया
जाता है। इसमें तीन भाग होते हैं –
इंट्रो – यह समाचार का मुख्य भाग होता है , जिसमें संपूर्ण
जानकारी निहित होती है।
बॉडी –
घटते क्रम में सभी खबर के तथ्य मौजूद
होते हैं , अर्थात इसमें इंट्रो में दिए गए संपूर्ण जानकारी से कम जानकारी होती
है।
समापन –
इस बिंदु में संपूर्ण जानकारी नहीं
होती परंतु ऊपर दिए गए दोनों बिंदुओं में समाचार के सभी तथ्य मौजूद होते हैं।
इसलिए इस बिंदु में सूचना को छोटा अथवा कम किया जा सकता है।
प्रश्न – टेलीविजन जनसंचार का कैसा माध्यम है ?
उत्तर – टेलीविजन जनसंचार का दृश्य एवं श्रव्य
माध्यम है। टेलीविजन में आवाज के साथ दृश्य को भी देखा जा सकता है।
प्रश्न – इंटरनेट पत्रकारिता क्या है ?
उत्तर – समाचार पत्रों का इंटरनेट पर प्रकाशन
अथवा खबरों का आदान-प्रदान ही इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है।
प्रश्न – इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ कब हुआ ?
उत्तर – इंटरनेट पत्रकारिता का आरंभ 1993 से माना जाता है। 1993 को प्रथम युग माना जाता है , जबकि 2003 को दूसरा युग और वर्तमान समय को तीसरा युग इंटरनेट की पत्रकारिता के
क्षेत्र में माना जाता है।
प्रश्न – जनसंचार के माध्यमों की भाषा किस प्रकार
की होनी चाहिए ?
उत्तर – जनसंचार के माध्यमों की भाषा सरल जन
सामान्य और छोटे-छोटे वाक्य में होने चाहिए जिससे पाठक अथवा श्रोता की रुचि बनी
रहे।
प्रश्न – नई पीढ़ी में इंटरनेट के अधिक लोकप्रिय होने का क्या कारण है ?
उत्तर – नई पीढ़ी को अब समाचार पत्र पर समाचार पढ़ने में आनंद नहीं आता।
उन्हें स्वयं को समय-समय पर अपडेट रखने की आदत पड़ गई है यही कारण है कि नई पीढ़ी
इंटरनेट की दीवानी है। इंटरनेट द्वारा सूचना , विज्ञान तथा निजी
व सार्वजनिक संवाद का आदान – प्रदान कर सकते हैं।
प्रश्न – भारत में वेबसाइट पर पत्रकारिता कौन कर रहा है ?
उत्तर – तहलका डॉट कॉम।
प्रश्न – भारत में वेब पत्रकारिता कौन कर रहा है ?
उत्तर – rediff.com , इंडिया इन्फोलाइन , सीफी।
प्रश्न – हिंदी के किन्ही दो अखबारों के नाम लिखो जिनके वेब संस्करण उपलब्ध है।
उत्तर – जागरण , हिंदुस्तान , नवभारत टाइम्स आदि।
प्रश्न – वेब में प्रकाशित किन्हीं तीन पत्रिकाओं के नाम लिखो।
उत्तर – अनुभूति , अभिव्यक्ति , हिंदी नेस्ट , सहारा आदि
प्रश्न – ब्रेकिंग न्यूज़ से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – किसी भी बड़ी खबर को फ्लैश अथवा ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में तत्काल
दर्शकों तक पहुंचाना ब्रेकिंग न्यूज़ है। इसमें कम से कम शब्दों में केवल
सूचना दी जाती है।
प्रश्न – रेडियो तथा टीवी जनसंचार के कैसे माध्यम है ?
उत्तर – रेडियो श्रव्य माध्यम , टीवी दृश्य एवं श्रव्य माध्यम है।
प्रश्न – मुद्रित माध्यम के छपने से पहले संपादक को किस बात का ध्यान रखना पड़ता
है ?
उत्तर – छपने से पहले आलेख में मौजूद सभी गलतियों और अशुद्धियों को दूर
करना पड़ता है। प्रकाशन के बाद वह गलती नहीं सुधारी जा सकती उसके लिए नए अंक की
प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
प्रश्न – मुद्रित माध्यम की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?
उत्तर – मुद्रित माध्यम की सबसे बड़ी विशेषता शब्दों में स्थायित्व होना , भाषा का विस्तार होना तथा चिंतन विचार एवं विश्लेषण का माध्यम होना
और संग्रह करने की सुविधा का होना है।
प्रश्न – मुद्रित माध्यम के अंतर्गत कौन कौन से
माध्यम आते हैं ?
उत्तर – मुद्रित माध्यम के अंतर्गत पत्र-पत्रिका समाचार साहित्य आदि आते
हैं।
प्रश्न – रेडियो समाचार किस शैली में लिखे जाते हैं ?
उत्तर – रेडियो समाचार उल्टा पिरामिड शैली के आधार पर ही लिखा जाता है। इसमें लौटने की विशेषता नहीं होती , इसके लिए
धाराप्रवाह वाचन किया जाता है।
प्रश्न – रेडियो समाचार में डेडलाइन से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – रेडियो समाचार में समय का निर्धारण और उसका पालन महत्वपूर्ण है जो
इसका डेडलाइन कहलाता है।
प्रश्न – टी.वी पर प्रसारित समाचारों की मुख्य दो शर्तें कौन सी है ?
उत्तर – टीवी पर प्रसारित समाचारों की शर्तें समाचार जीवंत होना चाहिए लोक
रूचि के अनुसार होने चाहिए तथा सत्य पर आधारित इसकी प्रमुख शर्ते है।
प्रश्न – इंटरनेट के क्या लाभ हैं ?
उत्तर – इंटरनेट व्यक्ति को स्वतंत्रता प्रदान करता है। व्यक्ति अपने मन
मुताबिक किसी भी स्थान पर किसी भी समाचार , मनोरंजन तथा ज्ञान के विषय को देख
अथवा सुन सकता है और उसका आनंद ले सकता है।
प्रश्न – इंटरनेट पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – इंटरनेट पत्रकारिता समय की बचत के साथ-साथ उसको पढ़ने तथा उसे
जुड़ने और संग्रह करने की सुविधा देता है।
प्रश्न – भारत में इंटरनेट का कौन सा दौर चल रहा
है और इसे कब से शुरू माना जाता है ?
उत्तर – भारत में इंटरनेट का अभी दूसरा दौर
चल रहा है।पहला दौर 1993 से तथा दूसरा दौर
2003 से माना जाता है।
प्रश्न – हिंदी वेब पत्रकारिता की सबसे बड़ी
समस्या क्या है ?
उत्तर – हिंदी वेब पत्रकारिता की सबसे बड़ी
समस्या उसका लेखन शैली है , क्योंकि अन्य भाषाओं की भांति इस का
कीबोर्ड अभी भी बाजारों में उपलब्ध नहीं है। एक निश्चित रूप रेखा का कीबोर्ड पर
नहीं होने के कारण लेखन क्रिया कठिन विषय है।
प्रश्न – क्लाइमेक्स किसे कहते हैं ?
उत्तर – किसी भी घटना , सूचना आदि का संपूर्ण उद्घाटन
वास्तविक रूप से परिचय कराना या उस चरम बिंदु पर पहुंचना , जहां से पूरी घटना का सार समझते हुए
निवारण की ओर दिशा परिवर्तित होता है वह बिंदु क्लाइमैक्स कहलाता है।