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जीवन दर्शन

प्रिय तुम रामचरितमानस जरूर पढ़ना।।....

प्रिय तुम रामचरितमानस जरूर पढ़ना।।.... जीवन के अनुबंधों की, तिलांजलि संबंधों की, टूटे मन के तारो की, फिर से नई कड़ी गढ़ना, प…

आत्म मंथन ही जीवन का सार है!

छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष। उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।…

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