गुर्जर तथा गुर्जरात्रा
पुराने
वंशो से नए नाम के साथ नई नई जातियाँ और कबीले बन जाते हैं। इक्ष्वाकु , पुरू व यदु कुल के उच्च श्रेणी के क्षत्रिय रक्त व साहसिक कार्यों के
आधार पर संगठित हो गए तथा गुर्जर नाम से प्रसिद्ध हुए। उस समय गुर्जरो के आधीन का जो क्षेत्र था , उसे गुर्जर देश या गुर्जरात्रा कहा
जाता था।
· गुर्जर शब्द के दो घटक भाग है गुर + उज्जर
संस्कृत में यदि किसी अक्षर पर बिन्दु लगा दिया जाए तो वह अक्षर
नाक में बोला जाता हैं। जैसे - माँ , हाँ आदि।
· गुरं का अर्थ है शत्रु उज्जर का अर्थ नष्ट करने वाला।
इसमें बिन्दु का धीरे धीरे लोप हो गया तथा गुर+उज्जर मिलकर काल क्रम से गुर्जर बन गया जिसका अर्थ है शत्रु को नष्ट करने वाला। यह पुल्लिंग है
( अधिक जानकारी के लिए संस्कृत शब्द कोष , शब्द कलद्रुपम - द्वारा पं0 राधा कान्त शर्मा - भाग -2पृष्ठ 341 शकाब्द - 1181 )
इसमें बिन्दु का धीरे धीरे लोप हो गया तथा गुर+उज्जर मिलकर काल क्रम से गुर्जर बन गया जिसका अर्थ है शत्रु को नष्ट करने वाला। यह पुल्लिंग है
( अधिक जानकारी के लिए संस्कृत शब्द कोष , शब्द कलद्रुपम - द्वारा पं0 राधा कान्त शर्मा - भाग -2पृष्ठ 341 शकाब्द - 1181 )
इस उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय भाषाएँ फारसी या पहलवी संस्कृत की ही
शाखाएँ हैं। बहुत संस्कृत शब्द इन भाषाओं में विरूपित हो गए तथा स्वर बदल गए
हैं।फारसी में गुरं शब्द गिरान बन गया जिसका अर्थ भारी, कठिन, महंगा तथा मूल्यवान है। जैसे जिन्दावस्ता में संस्कृत के पुत्र का पिथर होता
हैं।
· गुर+उज्जर का अर्थ है जो अत्यंत दुखदायी शक्तिशाली शत्रु को नष्ट कर
देता है
( अधिक जानकारी के लिए फारसी -अंग्रेजी शब्दकोश - द्वारा एफ• स्टीगस पी•एच•डी• संस्करण -1930 कालम -2 )
संस्कृत में त्र का अर्थ है रक्षित । अत:
गुर्जरात्रा का अर्थ है गुर्जरो द्वारा रक्षित अथवा गुर्जरो की सुरक्षा में।
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GURJAR HISTORY