कक्षा-12 विषय- हिन्दी साहित्य
पाठ -11 ‘देवसेना’
लेखक परिचय- जयशंकर प्रसाद
जीवन परिचय-
vजन्म - 30 जनवरी सन् 1889 ई. में काशी (वाराणसी), उत्तर प्रदेश
v जयशंकर जी के पितामह(दादाजी) का नाम शिवरतन साहू और पिता का नाम देवीप्रसाद था।
vइनका परिवार सुंघनी साहू के नाम से प्रसिद्ध था। इसका कारण यह था कि इनके यहां तम्बाकू का व्यापार होता था।
v उपलब्धियाँ- नागरी प्रचारिणी सभा के उपाध्यक्ष
v पुरस्कार – हिंदुस्तानी एकेडमी एवं काशी नागरी
प्रचारिणी सभा द्वारा कामायनी पर मरणोपरांत मंगला प्रसाद पारितोषिक।
v मृत्यु- 1937 ई.
रचनाएँ-
v काव्य संग्रह - कामायनी, आँसू, लहर, झरना,चित्राधार,प्रेम पथिक।
v नाटक - स्कन्दगुप्त,चन्द्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जनमेजय का नागयज्ञ,एक घुट, विशाख, अजातशत्रु, राज्यश्री, कामना,
प्रायश्चित आदि।
v कहानी संग्रह- प्रतिध्वनि, छाया, आकाशदीप, आँधी, इन्द्रजाल।
v उपन्यास - कंकाल, तितली एवं इरावती (अपूर्ण रचना)
v निबन्ध संग्रह
-काव्य कला तथा अन्य निबन्ध
काव्यगत विशेषताएँ-
v प्रसाद साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उसमें भारतीय दर्शन संस्कृति एवं मनोविज्ञान के साथ-साथ भारतीय जीवन का सफल चित्रण हुआ है।
v जयशंकर प्रसाद
के काव्य में प्रेम और सौन्दर्य प्रमुख विषय रहा है। साथ ही उनका दृष्टिकोण
मानवतावादी है।
v प्रसाद जी ने कुल 67 रचनाएँ प्रस्तुत की हैं।प्रसाद साहित्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उसमें भारतीय दर्शन संस्कृति एवं मनोविज्ञान के साथ-साथ भारतीय जीवन का सफल चित्रण हुआ है।
v जयशंकर प्रसाद
के काव्य में प्रेम और सौन्दर्य प्रमुख विषय रहा है। साथ ही उनका दृष्टिकोण
मानवतावादी है।
v प्रसाद जी ने
कुल 67 रचनाएँ प्रस्तुत की हैं।
भाषा-शैली-
v संस्कृतनिष्ठ
खड़ी बोली हिंदी का प्रयोग।
v मुक्त छंद की
रचनाएं।
v छायावादी
काव्य के प्रमुख कवि
v प्रतीक योजना , बिंब विधान
v अलंकारों का
सुंदर प्रयोग
v माधुर्य गुण
से युक्त शब्दावली।
देवसेना का गीत कविता का सारांश
जयशंकर प्रसाद
के प्रसिद्ध नाटक स्कंदगुप्त का अंश है।
देवसेना , स्कंदगुप्त के
प्रेम से वंचित रह जाने पर अपने जीवन के अंतिम क्षणों में अपने दुख , वेदना और
व्याकुलता का प्रकट करते हुए गीत गाती।
हृणों के हमले में मालवा के राजा
बंधु वर्मा और उसका पूरा
परिवार मारा जाता है , लेकिन उसकी बहन देवसेना किसी तरह बच
जाती है।
देवसेना , स्कंदगुप्त
से प्रेम करती है और उससे पूरा विश्वास है कि मुश्किल घड़ी में स्कंद गुप्त उसका
साथ देगा और उससे विवाह करेगा। लेकिन
स्कंदगुप्त तो धन कुबेर की
पुत्री विजया से विवाह
करना चाहता है। इस बात से देवसेना पूरी तरह टूट जाती है। अपना बाकी जीवन देश सेवा
के लिए समर्पित कर देती है। यह गीत अपने जीवन के अंतिम क्षणों में गाती है।
देवसेना के माध्यम से जयशंकर प्रसाद भारत वासियों को स्वाधीनता संग्राम में
अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। देवसेना अंत में पूरी
निष्ठा के साथ देश सेवा में लग जाती है। उसके आगे वह स्कंदगुप्त के प्रेम को भी
पुनः ठुकरा देती है। अर्थात व्यक्तिगत प्रेम से सर्वोच्च देश प्रेम को जयशंकर
प्रसाद ने बताया है।
SMILE 3.0 के तहत आये गृहकार्य दिनांक 11 अगस्त 2021
हिन्दी साहित्य जयशंकर प्रसाद
Q.1.'देवसेना का गीत' जयशंकर प्रसाद के
कौन से ऐतिहासिक नाटक से उधृत है?
उत्तर -'देवसेना का गीत' प्रसाद कृत स्कंदगुप्त नाटक
से उद्धृत है।
Q.2.छायावाद के चार प्रमुख कवियो के नाम लिखिए ?
उत्तर - जयशंकर प्रसाद ,सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ,सुमित्रानंदन पंत ,महादेवी वर्मा
Q.3.'आँसू से गिरते' मे कौनसा अलंकार
है ?
उत्तर -उपमा अलंकार क्योंकि आँखों से गिरने वाले आंसूओं की तुलना पसीने की बूंदों
से की गई है |
Q.4."आह वेदना मिली विदाई,मधुकरियो की भीख
लुटाई"पंक्तियों मे कौन सा काव्य गुण है?
उत्तर -प्रसाद गुण एवम पांचाली रीती है |
v प्रसाद गुण ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ते ही अर्थ ग्रहण हो
जाता है। वह प्रसाद गुणों से युक्त मानी जाती है अर्थात् जब बिना
किसी विशेष प्रयास के काव्य का अर्थ स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है उसे प्रसाद गुण युक्त काव्य कहते हैं।
Q.5.जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित नाटक,कविताओं,उपन्यास तथा कहानी संग्रह का 1-1 नाम बताईए तथा यह
भी बताईए की उनका कौनसा उपन्यास अपूर्ण है?
उत्तर –
v काव्य संग्रह - कामायनी, आँसू, लहर, झरना,चित्राधार,प्रेम पथिक।
v नाटक - स्कन्दगुप्त,चन्द्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जनमेजय का नागयज्ञ,एक घुट, विशाख, अजातशत्रु, राज्यश्री, कामना,प्रायश्चित
आदि।
v कहानी संग्रह- प्रतिध्वनि, छाया, आकाशदीप, आँधी, इन्द्रजाल।
v उपन्यास - कंकाल, तितली एवं इरावती (अपूर्ण रचना)
v निबन्ध संग्रह
-काव्य कला तथा अन्य निबन्ध