गूगल प्ले स्टोर का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए जरुरी सूचना है।
गूगल प्ले स्टोर पर खतरनाक ऐप की पहचान की गई है जो डेटा चोरी के लिए जिम्मेदार है। आइए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी ....
रिमोट एक्सेस ट्रोजन app:
गूगल प्ले स्टरो को काफी सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद कुछ मैलवेयर गूगल के सिक्योरिटी को बायपास करके आपके डिवाइस में इंस्टॉल हो जाते हैं, तो बैकिंग फ्रॉड की वजह बनते हैं।
फोन में मौजूद आपकी पर्सनल जानकारी, पासवर्ड को चोरी कर लेते हैं। ऐसे ही एक ट्रोजन की पहचान की गई है, जो कि गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद था।
इस खतरनाक ऐप को करीब 10,000 से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। कहीं आपके स्मार्टफोन में यह खतरनाक ऐप मौजूद तो नहीं है? अगर ऐसा हैं, तो उसे तुरंत फोन से अनइंस्टॉल कर दें।
एक सिक्योरिटी फर्म ने बताया कि गूगल प्ले (Google Play) से रिमोट एक्सेस ट्रोजन को डाउनलोड किया गया है। जो यूजर्स के पासवर्ड, टेक्स्ट मैसेज और अन्य गोपनीय डेटा को चोरी करता है।
टीबॉट app
टीबॉट (TeaBot) एक एंड्राइड मैलवेयर है, जो गूगल के ऑफिशियल ऐप मार्केट से फैल रहा है। आमतौर पर कंपनी ऐसे खतरनाक ऐप्स के बारे में सूचना मिलते ही उसे गूगल प्ले स्टोर से हटा देती हैं. लेकिन इस ऐप को पहचानना मुश्किल हो रहा है। सिक्योरिटी फर्म क्लीफ़ी (Cleafy) ने बताया कि टीबॉट वापस आ गया है। इस बार ये ट्रोजन क्यूआर कोड और बारकोड स्कैनर नामक एक मैलिशियस ऐप के जरिए फैल रहा है। क्लीफी रिसर्चर ने Google को इस ऐप के बारे में सूचित कर दिया है। लेकिन गूगल की तरफ से फिलहाल इस बारे में कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन अगर आपके फोन में ये ऐप मौजूद है, तो तुरंत इसे हटा दें।
बैंकिंग डेटा चोरी के लिए है जिम्मेदार
नया टीबॉट ट्रोजन में पिछले साल मई 2021 के ट्रोजन से ज्यादा खतरनाक है। जिसमें अब होम बैंकिंग एप्लिकेशन, बीमा एप्लिकेशन, क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं। इस ट्रोजन की पिछले साल मई में टीबोट और अनात्सा नाम से पहचान की गई थी। इसने स्ट्रीमिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया और एंड्रॉइड की एक्सेसिबिलिटी सर्विस का गलत इस्तेमाल करके मैलवेयर ने डिवाइस को हैक कर लिया। इसमें हैकर्स स्क्रीन को दूर से ही कंट्रोल कर सकते हैं। टीबॉट को दुनिया भर के करीब 60 बैंकों के ऐप्स के डेटा चोरी के लिए प्रोग्राम किया गया था।
अपडेट के जरिए कर रहा डेटा चोरी
पिछले एक साल से भी कम समय में टीबॉट के हमलों में 500 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हाल के महीनों में, टीबॉट ने संक्रमित फोन पर रूसी, स्लोवाक और मंदारिन चीनी सहित नई भाषाओं में कस्टम संदेश भेजे हैं। नया ट्रोजन यूजर्स को फर्जी अपडेट उपलब्ध कराता है। इसके बाद इंस्टालेशन प्रोसेस के दौरान डिवाइस की एक्सेसबिलिटी की इजाजत ले ली जाती है। इमसें व्यू और कंट्रोल स्क्रीन का परमिशन शामिल रहता है। जिससे हैकर्स संवेदनशील जानकारी जैसे लॉगइन क्रेडेंशियल, SMS, 2FA कोड का पहुंच हासिल कर लेते हैं.