google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना



उद्देश्य : इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति) को उनके जीवन काल में एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु राजकीय सुविधा एवं सहायता प्रदान करना है।
राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा हिन्दू धार्मिक स्थलों पर देवस्थान विभाग के अंदर संचालित तीर्थ यात्रा योजनायें
खर्च का वहन : स्वयं विभाग द्वारा यात्रा का आयोजन तथा निर्धारित यात्रा का व्यय वहन ।  
यात्रियों कि संख्या : 10000 यात्री, (3000 रेलमार्ग से 7000 वायुयान से)
इसमें देवस्थान विभाग द्वारा तीर्थ स्थल हेतु आवेदकों की संख्या तथा यात्रा की संभाव्यता के आधार पर उक्त संख्या तथा अनुपात में परिवर्तन किया जा सकेगा।
यात्रा हेतु तीर्थ स्थान इस प्रकार है:-
रेल द्वारा:-
1. जगन्नाथपुरी 2. रामेष्वरम 3. तिरूपति, 4. द्वारकापुरी 5, वैष्णोदवी
हवाई जहाज द्वारा:-
1.   रामेश्वरम-मीनाक्षी मंदिर, मदुरई - मदुरई तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा
2.   तिरूपति-श्रीपुरम लक्ष्मी स्वर्ण मंदिर, वेल्लोर तथा कांचीपुरम - तिरूपति या वेल्लोर तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा।
3.   जगन्नाथपुरी-लिंगराज मंदिर- कोणार्क सूर्य मंदिर - भुवनेष्वर तक हवाई जहाज द्वारा आ्रगे बस द्वारा यात्रा ।
4.   वैष्णो देवी - जम्मू तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा ।
5.   द्वारकापुरी-सोमनाथ(त्रिवेणी-पांच पाण्डव गुफा)/नागेष्वर - जामनगर/राजकोट/केषोड तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा।
6.   प्रयाग (इलाहबाद)-चित्रकूट-वाराणसी(काषी)- सारनाथ - इलाहबाद/वाराणसी तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा ।
7.   बिहार शरीफ(नालंदा)-राजगीर-गया-बोध-गया-पटना साहिब - गया या पटना तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा ।
8.   अमृतसर- आनन्दपुर साहिब - अमृतसर तक हवाई जहाज द्वारा, आगे बस द्वारा यात्रा
9.   श्रवणबेलगोला- मैसूर - मैसूर/बंगलोर तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा
10.  सम्मेद षिखर-गया-बोध गया/पटना-पावापुरी-कुण्डलपुर  (वैषाली) - रांची,पटना या गया तक  हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा ।
11.  गोवा - गोवा तक हवाई जहाज
12.  षिरडी-षनि सिंगनापुर-त्रयम्बकेष्वर-घृष्णेष्वर, अजन्ता-एलोरा - मुम्बई/औरंगाबाद/ षिरडी तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा
13.  कामाख्या-गुवाहाटी(राज्य संग्रहालय, कलाक्षेत्र) - गुवाहाटी तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा ।
14.  उज्जैन(महाकालेष्वर, काल भैरव मंदिर,हरसिद्धि, नवग्रह मंदिर)ओंकारेष्वर - इंदौर तक हवाइ जहाज  आगे बस द्वारा यात्रा।
15.  हरिद्वार-ऋषिकेष-मसूरी- देहरादून - देहरादून तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा।
16.  कोच्चि,त्रिषूर, श्री सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर, गुरूवायुर - कोच्ची/मदुरई तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा ।
17.  लखनऊ- अयोध्या - लखनऊ तक हवाई जहाज द्वारा आगे बस द्वारा यात्रा
यात्रा पर जाने के लिये पात्रता:-
इस योजना के अन्तर्गत आवेदक को निम्नलिखित शर्तें पूर्ण करनी होंगी-
1.   राजस्थान का मूल निवासी हो एवं 60 वर्ष से अधिक आयु का हो। (आयु की गणना 1 अप्रैल, 2019 को आधार मान कर की जायेगी)
2.   आयकरदाता न हो ।
3.   आवेदक द्वारा पूर्व में वरिष्‍ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना का लाभ न उठाया गया हो ।
4.   इस यात्रा योजना के अन्तर्गत, पूर्व में यात्रा न किये जाने संबंधी आशय का Self-Declaration यात्री को देना होगा । यदि किसी भी समय यह पाया गया कि यात्री द्वारा इस शर्त का उल्लंघन किया गया है, तो यात्रा पर हुआ सम्पूर्ण व्यय एवं उस पर 25 प्रतिशत राशि दण्डात्मक देय होगी एवं राजकीय प्रावधानों के अन्तर्गत वसूली/दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी ।
5.   भिक्षावृत्ति पर जीवन यापन करने वाले योजना के पात्र नहीं होंगे ।
6.   यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग यथा टी0बी0, कांजेस्टिव कार्डियक, श्वांस में अवरोध संबंधी बीमारी, कॉरोनरी अपर्याप्तता (Coronary Insufficiency),  कॉरोनरी थ्रॉमबोसिस (Coronary Thrombosis), मानसिक व्याधि, संक्रामक कुष्ठ आदि से ग्रसित न हो ।
7.   वरिष्ठ नागरिक को, आवेदन पत्र के साथ चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वह व्यक्ति प्रस्तावित यात्रा हेतु शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं सक्षम है। (यह प्रमाण पत्र आवेदन पत्र भरते समय ही अपलोड किया जाना है)
8.   जिन आवेदकों द्वारा विगत वर्षों में उक्‍त योजना अन्‍तर्गत आवेदन तो किया है, किन्‍तु उनका  उक्‍त योजना में यात्रा हेतु चयन नहीं हुआ है, वे आवेदन करने के पात्र होंगे ।
9.   किन्‍ही परिस्थितियों में रेल एवं हवाई यात्रा के दौरान स्‍थान रिक्‍त रहने पर आवश्‍यकता अनुसार ऐसे इच्‍छुक पात्र व्‍यक्ति जिन्‍होनें आवेदन किया हो, लेकिन अन्‍यथा यात्रा के पात्र है, ऐसे व्‍यक्ति को रिक्‍त रही सीटों पर यात्रा पर जाने हेतु अनुमत करने का अधिकार राज्‍य सरकार के अनुमोदन के पश्‍चात आयुक्‍त, देवस्‍थान विभाग को होगा ।
10.  केन्द्र सरकार/राज्य सरकार/केन्द्र व राज्य सरकार के उपक्रम/स्थानीय निकाय से सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारी एवं उनके जीवन साथी यात्रा के पात्र होंगे इसके साथ-साथ प्रदेश के भारत के सैन्‍य बलों, अर्द्ध सैन्‍य बलों व पुलिस बलों से सेवानिवृत संबंधित राजस्‍थान राज्‍य के पात्र वरिष्‍ठजन भी यात्रा में सम्मिलित किए जा सकेंगे किन्‍तु उक्‍त सेवा के सेवानिवृत कर्मचारी/बल के वरिष्‍ठजन योजना की अन्‍य शर्तों की पूर्ति करने पर ही यात्रा के लिए पात्र होंगे । इस श्रेणी के आवेदक आयकर दाता नहीं होने चाहिए ।
11.  वे आवेदक जो विगत वर्षों में लॉटरी में चयनित हो चुके थे, लेकिन यात्रा के लिये आमंत्रित किये जाने के बाद भी उनके द्वारा यात्रा सम्पन्न नहीं की गई, ऐसे पूर्व आवेदक भी इस योजना में पात्र नहीं होंगे।
12.  योजना अन्‍तर्गत प्रदेश के ऐसे वरिष्‍ठ नागरिक जो पत्रकार/मीडिया से संबंधित हो जो योजना अन्‍तर्गत पात्रता रखते हो, आवेदन के पात्र होगें (सूचना एवं जनसम्‍पर्क निदेशालय द्वारा सुचियत), कोटा (Quota) 5 प्रतिशत की सीमा तक होगा
निरर्हता (अपात्रता) :-
1.   यदि यह पाया गया कि आवेदक/यात्री ने असत्य जानकारी देकर या तथ्यों को छिपाकर आवेदन किया है तो उसे किसी भी समय योजना के लाभों से वंचित किया जा सकेगा ।
2.   नियम 15 में वर्णित शर्तों के उल्लंघन पर भी आवेदक/ यात्री को योजना के लाभों से वंचित किया जा सकेगा ।
3.   नियम 8 (1) एवं (2) के अन्तर्गत निरर्ह व्यक्ति को भविष्य में आवेदन के लिये भी निरर्ह घोषित किया जा सकेगा एवं योजना के लाभ से वंचित रहेगा ।

मूल आवेदक  के साथ जीवनसाथी / सहायक की यात्रा के सम्बन्ध प्रावधान
1.   आवेदक अपने साथ जीवन साथी अथवा सहायक में से किसी एक को ले जाने हेतु अनुमत  होगा । परन्तु आवेदन करते समय ही आवेदक को अपने आवेदन में ही यह बताना होगा कि उसका जीवन-साथी/सहायक भी उसके साथ यात्रा करने का इच्छुक है ।
2.   आवेदक के जीवन साथी की आयु 60 वर्ष से कम होगी, तब भी आवेदक के साथ यात्रा कर सकेगा/सकेगी।
3.   पति/पत्नी के साथ-साथ यात्रा करने पर सहायक को साथ ले जाने की सुविधा नहीं रहेगी।
4.   यात्रा में सहायक को ले जाने की सुविधा तभी प्राप्त होगी जब - आवेदक की आयु 65 वर्ष से अधिक है  तथा उसने अकेले रेल यात्रा करने हेतु आवेदन किया है । हवाई यात्रा में सहायक का प्रावधान नहीं रहेगा, किन्‍तु मूल आवेदक पत्‍नी अथवा पति के होने की स्थिति में पति/पत्‍नी यात्रा में जाने के लिए अनुमत होंगे ।
5.   रेल यात्रा में सहायक का यात्री का संबंधी होना आवश्यक नहीं है । सहायक मूल आवेदक के परिवार में से अथवा आवेदक के कोई परिचित हो सकते हैं।
6.   सहायक की न्‍यूनतम आयु 21 वर्ष से अधिकतम 50 वर्ष होनी चाहिए । सहायक को यात्रा पर ले जाने की दशा में उसे भी उसी प्रकार की सुविधा प्राप्त होगी, जो कि यात्री को अनुज्ञेय है ।
7.   सहायक की आयु मूल यात्री की आयु से अधिक न हो, एवं सहायक केन्‍द्र/राज्‍य सरकार अथवा राजकीय निगम/मण्‍डल/आयोग/संस्‍था/उपक्रम/विभाग में कार्यरत् न हो ।
आवेदन की प्रक्रिया:-
1.   आवेदन देवस्थान विभाग के पोर्टल पर दिये गये लिंक के माध्यम से केवल ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे ।
2.   आवेदक व उसके साथ जाने वाले सहायक अथवा पति-पत्‍नी दोनों के पास भामाशाह कार्ड अवश्य होना चाहिए एवं आवेदकों का आधार कार्ड भी भामाशाह कार्ड से जुडा होना आवश्‍यक है ।
3.   आवेदन पत्र में अपनी पसंद के तीन तीर्थ-स्थल वरीयता क्रम (Preference) में अंकित किए  जाए।
4.   आवेदन के उपरांत उसकी प्रिंटेड प्रति सुविधा हेतु रख लें ।
नोटः- आवेदकों को सलाह दी जाती है कि आवेदन से पूर्व ही भामाशाह कार्ड हेतु पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण कर लें । इससे आवेदक को फोटो व दस्तावेज अपलोड करने व अन्य विवरण भरने की आवश्यकता नहीं रहेगी ।
आवेदन व पात्रता संबंधी अन्य मुख्य शर्तें व प्रावधान:-
1.   आवेदक को आवेदन में किन्हीं दो निर्देशितियों के नाम, मोबाइल नंबर एवं अन्य विशिष्टियों का विवरण भी देना होगा, जिससे किसी आपात स्थिति में उनसे तुरन्त संपर्क किया जा सके । (उक्‍त संपर्क सूत्र यात्रा के पूर्व तक स्‍वत: अपडेड करने की सुविधा विभागीय पोर्टल पर उपलब्‍ध रहेगी)
2.   यात्रियों का चयन जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर द्वारा लॉटरी द्वारा किया जाएगा । चयनित यात्रियों की सूची जिला मुख्यालय/उपखण्ड मुख्यालय/तहसील कार्यालय तथा देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी ।
3.   चयनित यात्री को यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य संबंधी निर्धारित चिकित्सकीय प्रमाण नियम-7 के बिन्‍दु-7 के अनुसार प्राप्‍त कर लाना होगा।
4.   चयन के उपरान्त यदि किसी कारणवश आवेदक तीर्थयात्रा नहीं करता है, तो उसे विभाग द्वारा निर्धारित हेल्पलाइन पर समय से पूर्व सूचना देनी आवश्यक होगी, अन्यथा उसे भविष्य में इस योजना हेतु पात्र नहीं माना जायेगा।
चयन की प्रक्रिया:-
यात्रियों का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा निम्न लिखित प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाएगा:-
1.   प्रत्येक स्थान की यात्रा हेतु जिलावार कोटा निर्धारित किया जायेगा, जिसमें आवेदकों की संख्या के साथ उस जिले के वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या के अनुपात को अधिभार देते हुए कोटा निर्धारित किया जायेगा . यदि निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं , तो लॉटरी (कम्प्यूटराईज्ड ड्रा आफ लाट्स )  द्वारा यात्रियों का चयन किया जायेगा। कोटे के 100 प्रतिशत अतिरिक्त व्यक्तियों की प्रतीक्षा सूची (Waiting List) भी बनायी जायेगी   । आवश्यकतानुसार शेष अन्य आवेदकों की भी अतिरिक्त आरक्षित सूची (Additional Reserve List) भी बनायी जा सकेगी।
2.   चयनित यात्री के यात्रा पर न जाने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित व्यक्ति को यात्रा पर भेजा जा सकेगा । इसमें भी यात्री कम पड़ने पर अतिरिक्त आरक्षित सूची से बुलाया जा सकेगा . प्रतीक्षा सूची  एवं अतिरिक्त आरक्षित सूची में से यात्रा हेतु चयन , मूल चयन सूची में से यात्रियों के उपलब्ध न होने पर ही किया जायेगा । इसके पश्‍चात् भी रेल एवं हवाई यात्रा में सीटे रिक्‍त रहने की  स्थिति में योजना के नियम - 7 के बिन्‍दु - 9 में वर्णित पात्र व्‍यक्तियों को आयुक्‍त , देवस्‍थान की अनुमति से शामिल किया जा सकेगा ।
3.   लॉटरी निकालते समय आवेदक के साथ उसकी पत्नी अथवा पति या सहायक को एक मानते हुए लॉटरी निकाली जायेगी एवं लॉटरी में चयन होने पर यात्रा के लिये उपलब्ध बर्थ /सीटों में से उतनी संख्या कम कर दी जायेगी । 
4.   रेल एवं हवाई यात्रियों की लॉटरी एक साथ निकाली जायेगी, सबसे पहले हवाई यात्रा हेतु लॉटरी निकाली जायेगी, उसके उपरान्त शेष में से रेल यात्रा हेतु यात्रियों का चयन किया जायेगा ।
5.   चयनित यात्रियों एवं प्रतीक्षा सूची को देवस्थान विभाग के पोर्टल, कलक्टर कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर एवं अन्य ऐसे माध्यम से जो कि उचित समझे जाए, प्रसारित किया जायेगा ।
6.   केवल वह व्यक्ति ही जिसका चयन किया गया है, यात्रा पर जा सकेगा। वह अपने साथ अन्य किसी व्यक्ति को नहीं ले जा सकेगा ।
यात्रा की सामान्‍य प्रक्रिया :-
1.   जिला कलक्टर द्वारा चयनित यात्रियों की सूची देवस्थान विभाग को सौंपी जायेगी ।
2.   विभाग द्वारा यात्रा हेतु अधिकृत एजेन्सी को उक्‍त चयनित यात्रियों की सूची सौंपी जायेगी ।
3.   निर्धारित एजेंसी यात्रियों के समूह को यात्रा पर ले जाने की व्यवस्था करेगी ।
4.   यात्रियों के यात्रा का समुचित व्यय एवं उन्हें उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का विनिश्चय राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा ।
A.  रेल द्वारा यात्रा :-
1.   यात्रियों के साथ अनुरक्षक (एस्कार्ट) के रूप में देवस्थान विभाग/अन्‍य विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों को भेजा जायेगा ।
2.   इन विभागों के कर्मचारियों के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में राजकीय निगम/मण्डल/आयोग के अधिकारियों/कर्मचारियों को भी भेजा जा सकेगा ।
3.   उक्त व्यवस्था पर होने वाला व्यय राज्य सरकार वहन करेगी । प्रत्येक ट्रेन में एक अधिकारी ट्रेन प्रभारी के रूप में लगाया जायेगा । आयुक्‍त, देवस्थान विभाग द्वारा आवश्‍यकतानुसार अतिरिक्त रूप से अपने विभागीय ट्रेन प्रभारी लगाये जा सकेंगे।
4.   इसके अतिरिक्‍त प्रत्‍येक कोच में 2 अनुरक्षक की दर से कुल 30 अनुरक्षक, एक चिकित्‍सा अधिकारी, दो नर्सिंग स्‍टाफ, 1+4 का सुरक्षा जाप्‍ता तथा पृथक से एक पेन्‍ट्री इन्‍चार्ज रखा जायेगा।
5.   उक्‍त सभी स्‍टॉफ ट्रेन प्रभारी के पर्यवेक्षण में ड्यूटी देंगे तथा किसी भी प्रकार की ड्यूटी में लापरवाही होने पर ट्रेन प्रभारी के माध्‍यम से देवस्‍थान विभाग को सूचित करेंगे।
6.   यात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा सुनिश्चित की जायेगी ।
7.   एक बार यात्रा शुरू करने पर यात्री यदि बीच में यात्रा छोड़ना चाहेगा. तो उसे ऐसी सुविधा सरकार की ओर से नहीं दी जायेगी ।
B.  हवाई जहाज द्वारा यात्रा :-
1.   यात्रियों के साथ अनुरक्षक (एस्कार्ट) के रूप में देवस्थान विभाग/संभागीय आयुक्‍त/जिला कलेक्‍टर्स के माध्‍यम से प्राप्‍त सूची अनुसार अधिकारियों/कर्मचारियों को भेजा जायेगा ।
2.   इन विभागों के कर्मचारियों के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अन्‍य विभागों एवं राजकीय निगम/मण्डल/आयोग के अधिकारियों/कर्मचारियों को भी भेजा जा सकेगा ।
3.   उक्त व्यवस्था पर होने वाला व्यय राज्य सरकार वहन करेगी ।
4.   प्रत्येक हवाई जहाज यात्रा में 40 यात्रियों के समूह पर एक अधिकारी/कार्मिक अनुरक्षक के रूप में लगाया जायेगा । 40 से अधिक 80 यात्रियों तक के समूह में 2 अनुरक्षक तथा 80 से अधिक यात्रियों का समूह होने पर 3 अनुरक्षक लगाये जायेंगे।
5.   उक्‍त अनुरक्षक यात्रा के दौरान देवस्‍थान विभाग के निर्धारित कन्‍ट्रोल रूम में उपस्थित अधिकारी/कार्मिक के संपर्क में रहेगें तथा यात्रा के पश्‍चात यात्रा की रिपोर्ट मय यात्रियों के फीडबैक देवस्‍थान विभाग को प्रस्‍तुत करेंगे।
6.   इसके अतिरिक्‍त एक अनुरक्षक एजेंसी का भी यात्रा में साथ रहेगा । एक से अधिक अनुरक्षक कार्यरत् होने पर सबसे वरिष्‍ठ या विभाग द्वारा नामित अनुरक्षक प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे। अनुरक्षक नियुक्ति में आयुक्‍त, देवस्‍थान विभाग का निर्णय अन्तिम होगा ।
7.   हवाई यात्रा में चयन होने पर यात्रियों को निर्धारित तीर्थ स्थान के नजदीकी एयरपोर्ट तक हवाई जहाज द्वारा तथा वहां से तीर्थ स्थान तक बस द्वारा यात्रा करवाई जायेगी ।
नोट:- सभी तीर्थ यात्रियों को यात्रा हेतु निर्धारित प्रस्थान स्थल (रेलवे स्टेशन/एयरपोर्ट)  तक स्वयं के व्यय से पहुंचना होगा ।
यात्रियों के समूह:-
यात्रा केवल सामूहिक रूप से आयोजित की जायेगी । उक्त समूहों का निर्धारण राज्य सरकार अथवा राज्‍य सरकार द्वारा अधिकृत प्राधिकारी/एजेन्सी द्वारा किया जायेगा। किसी तीर्थ स्थान की यात्रा के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम संख्या में यात्री उपलब्ध होने पर ही यात्रा प्रारंभ की जायेगी । योजना के अन्तर्गत चयन होने मात्र से ही किसी व्यक्ति को यात्रा कराने हेतु राज्य सरकार बाध्य नहीं होगी।
अन्य व्यक्तियों के यात्रा करने पर प्रतिबन्ध:-
केवल वह व्यक्ति ही, जिसका चयन इस योजना के अन्तर्गत यात्रा हेतु किया गया है, इस यात्रा पर जा सकेगा । वह अपने साथ अन्य किसी व्यक्ति को, भले ही वह यात्रा का व्यय देने हेतु तैयार हो, यात्रा में साथ नहीं ले जा सकेगा । ट्रेन एवं वाहनों में केवल चयनित व्यक्ति ही यात्रा करेगा और एक सीट/बर्थ पर केवल एक ही व्यक्ति यात्रा करेगा ।
अतिरिक्त व्यय के संबंध में:-
यदि कोई यात्री, यात्रा के दौरान सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों/सुविधाओं के अतिरिक्त सुविधायें प्राप्त करना चाहता है तो उसका भुगतान उसे स्वयं करना होगा ।
यात्रा के दौरान अपेक्षाएँ:-
1. यात्री किसी तरह के ज्वलनशील पदार्थ या मादक पदार्थ किसी भी रूप में साथ नहीं ले जा सकेंगे ।
2. यात्री तीर्थ की मर्यादा के अनुसार आचरण करेंगे, ताकि प्रदेश की छवि अन्यथा प्रभावित न हों।
3. यात्री अपने निर्धारित सम्पर्क अधिकारी/प्रभारी अधिकारी के निर्देशों का पालन करेंगे ।
4. यात्रियों द्वारा उपरोक्त आचार संहिता के पालन करने संबंधी आशय का शपथ पत्र दिया जायेगा । 
यात्रा के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियाँ:-
यात्रा के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना अथवा कठिनाई के लिये राज्य शासन अथवा उसका कोई अधिकारी/ कर्मचारी उत्तरदायी नहीं होगा ।
योजना का व्यय:-
योजना के क्रियान्वयन हेतु व्यय (बजट सीमा तक) जिसमें यात्रा व्यय, अन्य प्रशासनिक व्यय तथा परिवहन, दूरभाष, विज्ञापन, प्रचार-प्रसार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, मेन विथ मशीन तथा सॉफ्टवेयर विकास, व्यावसायिक एवं परामर्श सेवायें प्राप्त करना, सत्कार व्यय तथा यात्री बीमा व्यय आदि सम्मिलित हैं, करने के लिये आयुक्त, देवस्थान विभाग सक्षम होंगे ।
संचालक:-
योजना के दिन प्रतिदिन संचालन/मोनिटरिंग हेतु एक अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी । उसको आवश्यकतानुसार वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियां देवस्थान विभाग द्वारा प्रत्यायोजित की जा सकेगी । साथ ही योजना के प्रभावी एवं समय संचालन, प्रबंधन एवं फीडबैक हेतु एक पी.एम.यू. (प्रौजेक्‍ट मॉनिटरिंग यूनिट) का गठन किया जायेगा, जिसका व्‍यय योजना की प्रशासनिक मद से अनुमत होगा ।
परिभाषाएँ:-
इन नियमों में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो -
(अ) ‘‘तीर्थ स्थान’’  से तात्पर्य उस स्थान/स्थानों से है जो कि देवस्थान विभाग द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट किये जायें ।
(ब) ‘‘यात्रा’’ से तात्पर्य नियम 6 में उल्लेखित स्थान की यात्रा एवं उक्त स्थान की यात्रा के लिये की गई आनुषंगिक यात्राओं से है ।
(स) ‘‘यात्री’’ से तात्पर्य उस व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह से है जो नियम 6 में उल्लेखित स्थान/ स्थानों की यात्रा प्रारंभ करता है।
(द) ‘‘आवेदक’’ से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति/ व्यक्तियों के समूह से है जो कि नियम 6 में उल्लेखित स्थान की यात्रा करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करता है।
(य) ‘‘सहायक’’ से तात्पर्य उस पुरुष से है जो कि 65 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के आवेदक के साथ यात्रा पर जाता है । पुरूष सहायक की पात्रता आयु न्‍यूनतम 21 से 50 वर्ष होगी ।
(र) ‘‘कोटा’’ से तात्पर्य यात्रियों की उस संख्या से है जो राज्य सरकार/ देवस्थान विभाग राज्य, जिला स्‍तर अथवा अन्य प्रकार से निर्धारित करें।
(ल) ‘‘एजेन्सी’’ से तात्पर्य उस संस्था अथवा संगठन से है जिसका चयन देवस्‍थान विभाग इन नियमों के अन्तर्गत यात्राएँ आयोजित करने हेतु करे । रेल यात्रा हेतु प्रथमत: आई.आर.सी.टी.सी. के पैकेज के अनुसार यात्रियों को भेजा जाएगा ।
(व) ‘‘संचालक’’ से तात्पर्य उस एजेंसी से है , जिसे योजना के संचालन हेतु देवस्थान विभाग द्वारा अधिकृत किया जाये।
(झ) ‘‘जीवन साथी’’ से तात्पर्य यात्री की पत्‍नी अथवा पति से है ।
(ञ) ‘‘अनुरक्षक’’ (एस्कार्ट) से तात्पर्य उस अधिकारी / कर्मचारी अथवा व्यक्ति से है, जो आवेदक/ आवेदकों के साथ देवस्‍थान विभाग द्वारायात्रा पर भेजा जाएगा ।
तीर्थयात्रा योजना हेतु राज्य स्तर पर प्रबंध व्यवस्था:-
विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा हेतु यात्रियों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर देवस्थान विभाग, राजस्थान सरकार समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा ।
1.   इस राज्‍य स्‍तर पर वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा समिति का गठन किया जायेगा।
विस्तृतविवरण:संलग्न http://edevasthan.rajasthan.gov.in/Lottery/VNTY_Yojana_2015.pdf 
मार्गदर्शिका2019 : https://devasthan.rajasthan.gov.in/pdf/Booklet_VNTYY_2019.pdf
आवेदन कहाँ से करें : https://devasthan.rajasthan.gov.in/Schemes.asp#
पिछलें वर्ष का लोटरी परिणाम : http://edevasthan.rajasthan.gov.in/
गुर्जर इतिहास/ रोजगार से जुडी खबरों /मारवाड़ी मसाला के लिए ब्लॉग  पढे  :-https://gurjarithas.blogspot.com

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