मंदिर से जुड़ी रोचक बातें
vअयोध्या राम
मंदिर का मॉडल
शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के
अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राम मंदिर का मॉडल तैयार किया था।
भारतीय शिल्प शास्त्र के हिसाब से इस मंदिर का निर्माण
कराने का फैसला लिया गया है।
v40 किलो वजनी
चांदी की ईंट
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों भूमि पूजन
हुआ है।
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इसलिए लगभग 40 किलो वजनी चांदी की ईंट तैयार कराई
गई है, जिसे नींव में
रखा गया है।
v161 फुट ऊंचा
होगा राम मंदिर
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राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार मंदिर के
शिखर की लंबाई 141 फिट से बढ़ाकर 161 फिट की गई है।
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राम मंदिर 161 फुट ऊंचा होगा।
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इस मंदिर की लंबाई लगभग 270 मीटर, चौड़ाई 140 मीटर
होगी।
v221 पिलर पर खड़ा
होगा राम मंदिर
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नवनिर्मित राम मंदिर 221 पिलर पर खड़ा होगा।
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फर्श पर
संगमरमर बिछाया जाएगा।
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इसमें 5 मुख्य प्रवेश द्वार के अलावा कुल 24
द्वार बनाए जाएंगे।
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प्रत्येक
खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो देवी-देविताओं की हैं।
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यहां श्रद्धालुओं के बैठने और विविध कार्यक्रम
आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।
vमंदिर में राम
दरबार
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राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार
होगा।
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मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान
गणेश के मंदिर होंगे।
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यह अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा।
vलकड़ी के होंगे
दरवाजे
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मंदिर निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया
जाएगा।
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संगमरमर
के अलावा लकड़ी के दरवाजे होंगे।
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मंदिर के
निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत होगी।
vनिर्माण में
लगेंगे 3 साल
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मंदिर के निर्माण में लगभग ढाई से 3 साल का समय
लगेगा।
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अनुमान है कि 2024 तक मंदिर पूर्णत: निर्मित हो
जाएगा।
vकई किलोमीटर दूर
होंगे दर्शन
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बताया जा रहा है कि मंदिर इतना भव्य होगा कि कई
किलोमीटर दूर से भी दर्शन हो सकेंगे।
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मंदिर निर्माण में एक मंडप और एक अतिरिक्त मंजिल
के साथ 35 फुट ऊंचे शिखर का विस्तार करने पर मंथन हो रहा है।
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इसके अलावा अब राम मंदिर में तीन के बजाय पांच
गुंबद होंगे।
vएक बार में 10
हजार भक्त कर सकेंगे दर्शन
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एक बार में सिर्फ मंदिर भवन में 10 हजार से अधिक
श्रद्धालु समाहित होकर रामलला के दर्शन कर पाएंगे।
vभूकंप भी नहीं
हिला पाएगा नींव
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भूकंप के लिहाज से उत्तर प्रदेश संवेदनशील जोन- 4
में आता है।
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अयोध्या समेत अवध का यह हिस्सा जोन थ्री में हैं।
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राम मंदिर को रिएक्टर स्केल मापन पर आठ से 10 तक
का भूकंप सहने लायक बनाया जाएगा।
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महत्वपूर्ण
vराम मंदिर के
निर्माण के लिये ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से ट्रस्ट का
गठन किया जाएगा।
vकेंद्र सरकार
द्वारा इस ट्रस्ट में 15 सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया है जिसमें एक
ट्रस्टी अनिवार्य रूप से दलित जाति से होगा।
v9 नवंबर, 2019 को सर्वोच्च
न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में निर्णय देते हुए सरकार को
मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट के गठन का आदेश दिया था।
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CURRENT AFFAIRS - 2020