google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 12th हिन्दी | 02.08.2021 | पाठ-1 | हरिवंश राय बच्चन | आत्म परिचय | Smile 3.0 H.W |Work Sheet |

12th हिन्दी | 02.08.2021 | पाठ-1 | हरिवंश राय बच्चन | आत्म परिचय | Smile 3.0 H.W |Work Sheet |

SMILE 3.0  गृहकार्य दिनांक 02 अगस्त 2021

कक्षा-12 विषय- हिन्दी अनिवार्य

पाठ - ‘आत्मपरिचय’ हरिवंश राय बच्चन

·      हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर सन 1907 को इलाहाबाद 

·      अंग्रेजी कवि कीट्स पर उनका शोधकार्य बहुत चर्चित रहा।

·      1976 ई० में उन्हें ‘पद्मभूषण’ से अलंकृत किया गया।

·      ‘दो चट्टानें’ नामक रचना पर उन्हें साहित्य अकादमी ने भी पुरस्कृत किया।

·       निधन 2003 ई० में मुंबई में हुआ।

प्रश्न -1. भावार्थ लिखे –

‘’जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ !’’

उत्तर - बच्चन जी कहते हैं कि संसार के लोगों की प्रवृत्ति है कि वे उनको पूछते हैं जो संसार के अनुसार चलते हैं तथा उनका गुणगान करते हैं। कवि अपने मन की इच्छानुसार चलता है, अर्थात वह वही करता है जो उसका मन कहता है।

प्रश्न -2 सुख-दु:ख में कौन सा समास प्रयुक्त हुआ है ?

उत्तर समास का नाम द्वंद्व समास सुख-दु:ख समास-विग्रह: सुख या दुख

प्रश्न -3 भवसागर में कौन सा अलंकार का प्रयोग किया गया है ?

उत्तर रूपक अलंकार (जब उपमेय पर उपमान का निषेध-रहित आरोप करते हैं, तब रूपक अलंकार होता है। )

प्रश्न -4 मैं और, और जग और कहाँ का नाता- पंक्ति में ‘और’ शब्द की विशेषता बताइए।

उत्तर यहाँ ‘और’ शब्द का तीन बार प्रयोग हुआ है। अत: यहाँ यमक अलंकार है।

·      पहले ‘और’ में कवि स्वयं को आम व्यक्ति से अलग बताता है।

·      दूसरे ‘और’ के प्रयोग में संसार की विशिष्टता को बताया गया है। संसार में आम व्यक्ति सांसारिक सुख-सुविधाओं को अंतिम लक्ष्य मानता है। यह प्रवृत्ति कवि की विचारधारा से अलग है।

·      तीसरे ‘और’ का प्रयोग ‘संसार और कवि में किसी तरह का संबंध नहीं’ दर्शाने के लिए किया गया है।

प्रश्न -5 शीतल वाणी में आग’ के होने का क्या अभिप्राय हैं?

उत्तर कवि ने यहाँ विरोधाभास अलंकार का प्रयोग किया है। कवि की वाणी यद्यपि शीतल है, परंतु उसके मन में विद्रोह, असंतोष का भाव प्रबल है। वह समाज की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है। वह प्रेम-रहित संसार को अस्वीकार करता है। अत: अपनी वाणी के माध्यम से अपनी असंतुष्टि को व्यक्त करता है। वह अपने कवित्व धर्म को ईमानदारी से निभाते हुए लोगों को जाग्रत कर रहा है।

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