स्कूली शिक्षा का नया ढांचा
वर्तमान समय में 10 प्लस टू वाले स्कूली शिक्षा ढांचे में तीन से छह वर्ष की उम्र के बच्चे शामिल हैं क्योंकि अभी छह वर्ष की उम्र में बच्चों को सीधे कक्षा एक में प्रवेश दिया जाता है। लेकिन नई शिक्षा नीति में 5 +3 +3 +4 ढांचे में तीन साल की उम्र से ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाएगा। अब बच्चा जैसे तीन साल का होगा उसे आंगनवाड़ी या बालवाटिका में प्रवेश दिया जाएगा। जहां वह छह साल की उम्र में पढ़ेगा।
नई शिक्षा नीति में शिक्षा को नए ढांचे में बदलने की जरुरत है। इसरो के प्रमुख देश के वरिष्ठ विज्ञानी के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई में नई शिक्षा नीति तैयार की गई है। मंत्रालय का मानना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इस शिक्षा नीति के जरिए बदलाव के जो सपने देखे गए हैं वे पूरी तरह से ढांचे में आ सकें। शिक्षा मंत्रालय ने 21 वीं सदी को देखते हुए नई शिक्षा नीति को बनाया है।
नई शिक्षा नीति की स्कूली शिक्षा
एनईपी को 2020 में मंजूरी दी गई थी। यह नई शिक्षा नीति शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवधि को भी बढ़ाता है और अब 3 से 18 वर्ष की आयु को कवर करेगा। यह शिक्षा नीति कुल स्कूली शिक्षा अवधि को व्यवस्थित करने पर विचार करता है ताकि प्रारंभिक बचपन और अच्छा बन सकें। आमतौर पर आज शहरी परिवेश में अपनाई जाने वाली शिक्षा प्रणाली के अनुसार बच्चे पहले प्लेस्कूल में शामिल होते हैं और फिर उन स्कूलों में चले जाते हैं जहां वे दो साल की किंडरगार्टन कक्षाएं करते हैं और उसके बाद 12 साल की स्कूली शिक्षा करते हैं।