1. दिनांक 01.07.2021 से ऑटो सैलरी प्रोसेस का ट्रायल जयपुर ग्रामीण ट्रेजरी से
शुरू होगा। जून 2021 देय जुलाई 21 के बिल ऑटो प्रोसेस के
माध्यम से स्वीकार्य होंगे।
2. नोट
:- 01.08.2021 से सभी जिलों एवं कोषालय में ऑटो बिल प्रोसेस
होंगे।
3. DDO/पीडी
खाताधारक/ट्रेजरी ऑफिसर भुगतान दावों की शुद्धता हेतु उत्तरदायी होंगे।
4. सैलरी प्रोसेस एवं संशोधन प्रक्रिया पूर्णतया ओटीपी पर
आधारित होगी।
5. ऑटो सैलरी प्रोसेस प्रक्रिया के लागू होने से पूर्व ही
एनआईसी एवं डीटीओ द्वारा वर्चुअल ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा ताकि ऑटो प्रोसेस
में आसानी रहें।
6. सैलरी माह की दिनांक 1 से 15 तारीख तक डीडीओ द्वारा
सैलरी डिटेल, मास्टर डाटा, एम्पलाई चयन, अबसेंटी स्टेटमेंट आदि
में ओटीपी बेस्ट संशोधन किया जा सकेगा।
7. एसआई, जीपीएफ, एनपीएस, आयकर आदि की जांच एवं सत्यापन एम्पलाई द्वारा प्रतिमाह एक
से दस तारीख के बीच किया जा सकेगा जिस पर डीडीओ द्वारा 15 तारीख तक कार्यवाही करनी
है।
8. दिनांक 16 से 22 तारीख के दौरान पिछले माह के डाटा के अनुसार सैलेरी बिल
ऑटो एलोकेट होंगे एवं ऑटो प्रोसेस बिल ट्रेजरी सिस्टम पर उपलब्ध होंगे। ट्रेजरी
में बिल पहुंचने पर आगामी दो कार्य दिवसों में टोकन नंबर जारी होंगे एवं ट्रेजरी
ऑफिसर द्वारा बिलों की जांच एवं ऑब्जेक्शन का कार्य भी दो कार्य दिवसों में किया
जाएगा।
9. इसके बाद आगे की सम्पूर्ण प्रक्रिया भी आटोमेटिक प्रोसेस
होगी।
वेतन बिलों के स्वचालन (Auto Process) के
लिए निम्नलिखित निर्देश सभी पर लागू होंगे:-
1. डीडीओ/पीडी खाताधारक सटीक मास्टर डेटा के रखरखाव और नियमों
के अनुसार वेतन बिल तैयार करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। यदि कोई गलत
भुगतान होता है तो अगले माह के वेतन से तत्काल वसूली की जाएगी।
2. किसी भी हालत में डीडीओ/पीडी खाताधारक द्वारा सिस्टम का
लॉगिन आईडी और पासवर्ड किसी से साझा नहीं किया जाएगा।
3. वेतन के बिल ई-ट्रेजरी अधिकारी (डीटीए) के नाम से बने एकल
सर्वर प्रमाण पत्र के माध्यम से पारित, संसाधित, प्रमाणित / ईसीएस फाइलों को पारित किया जाएगा। डीडीओ / पीडी
खाताधारक / सभी ट्रेजरी अधिकारी भुगतान की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह
से जिम्मेदार होंगे।
4. कोषागार अधिकारी
निर्धारित समय अवधि के भीतर बिलों की जांच और प्रमाणीकरण के लिए उत्तरदायी होंगे
ईसीएस फाइलें ट्रेजरी अधिकारियों के सर्वर प्रमाणपत्रों के अनुसार स्वचालित रूप से
जनरेट होंगी।
5. डीडीओ/पीडी खाताधारकों के नाम, पदनाम का विवरण सिस्टम के
माध्यम से बिलों पर मुद्रित/प्रदर्शित किया जाएगा। डीडीओ का रजिस्ट्रेशन इस
उद्देश्य के लिए अनिवार्य है।
6. सभी डीडीओ/पीडी खाताधारक/कोषाधिकारी ओटीपी प्रमाणीकरण के
लिए सिस्टम में सही मोबाइल नंबर दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे
7. आईटी सक्षम प्रणाली पर निर्धारित समय-सीमा सभी हितधारकों के
लिए लागू होगी।
8. विभागाध्यक्ष वेतन भुगतान की मासिक स्थिति की समीक्षा
करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऑटो सैलरी प्रोसेस के माध्यम से सही भुगतान किया
गया है और एचओडी इस प्रक्रिया के माध्यम से भुगतान किए गए बिलों के लिए ऑडिट की
व्यवस्था भी करेंगे।
9. मार्च देय अप्रेल के वेतन के लिए सिस्टम अगले वित्तीय वर्ष
के पहले कार्य दिवस पर बजट की उपलब्धता के अनुसार बिलों को स्वचालित रूप से
अग्रेषित करेगा।
10. बाद में, भुगतान स्वचालन प्रक्रियाओं के साथ एकल ट्रेजरी कार्य भी
विकसित किए जाएंगे।