google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कक्षा-11 विषय- हिन्दी अनिवार्य पाठ -07 ‘अक्कमहादेवी’ |SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION दिनांक 08 SEP 2021

कक्षा-11 विषय- हिन्दी अनिवार्य पाठ -07 ‘अक्कमहादेवी’ |SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION दिनांक 08 SEP 2021

कक्षा-11  विषय- हिन्दी ऐच्छिक



                  पाठ -07 अक्कमहादेवी

जीवन परिचय- 

  • जन्म - 12 वीं सदी, कर्नाटक के उडुतरी गाँव, जिला- शिवमोगा में|
  • प्रमुख रचनाएँ- हिंदी में वचन सौरभ नाम से, अंग्रेजी में स्पीकिंग ऑफ़ शिवा के नाम से|
  • इतिहास में वीर शैव आन्दोलन से जुड़े कवियों, रचनाकारों की एक लंबी सूची है| अक्कमहादेवी भी इस आंदोलन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कवियित्री थीं|
  • कन्नड़ भाषा में अक्क शब्द का अर्थ बहिन होता है|
  • अक्कमहादेवी ने पुरूष वर्चस्व समाज के विरूद्ध आक्रोश की अभिव्यक्ति के रूप में अपने वस्त्रों को भी उतार फेंका|
  • अक्क के कारण शैव आंदोलन से बड़ी संख्या में स्त्रियाँ जुड़ीं और अपने संघर्ष और यातना को कविता के रूप में अभिव्यक्ति दी
  • | इस प्रकार अक्कमहादेवी की कविता पूरे भारतीय साहित्य में इस क्रांतिकारी चेतना का पहला सर्जनात्मक दस्तावेज है और संपूर्ण स्त्रीवादी आंदोलन के लिए एक अजस्र प्रेरणास्रोत भी|

हे भूख ! मत मचल। हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर कविता का मूल भाव सारांश 

प्रस्तुत पाठ या वचन या कविता अक्क महादेवी जी के द्वारा रचित है | प्रस्तुत दोनों वचनों का अँग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद कवि केदारनाथ सिंह जी ने किया है | पहले वचन में इंद्रियों पर नियंत्रण का संदेश दिया गया है | यह उपदेशात्मक न होकर प्रेम-भरा मनुहार है

कवयित्री अक्क महादेवी जी के द्वारा रचित दूसरे वचन में एक भक्त का ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण व निष्ठा का भाव प्रस्फुटित हुआ है | चन्न मल्लिकार्जुन की अनन्य भक्त अक्क महादेवी उनकी अनुकंपा के लिए हर भौतिक वस्तु से अपनी झोली खाली रखना चाहती हैं | वे ऐसी निस्पृह स्थिति की कामना करती हैं, जिससे उनका स्व या अहंकार पूरी तरह से नष्ट हो जाए...|| 


SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION  दिनांक 08 SEP 2021

कक्षा-11  विषय- हिन्दी अनिवार्य

                  अक्कमहादेवी

Q.1 अक्कमहादेवी किस आन्दोलन से जुडी हुई थी ?

उत्तर. वीर शैव आंदोलन से अक्कमहादेवी जुड़ी महत्वपूर्ण कवयित्री थी।

Q.2 कवयित्री  द्वारा रचित वचनों के शीर्षक लिखिए ?

उत्तर. हे भूख ! मत मचल। हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर

Q.3 कवयित्री ने ईश्वर को क्या उपमा दी है ?

उत्तर. ईश्वर के लिए जूही के फूल का दृष्टांत का प्रयोग किया गया है | अर्थात् जिस प्रकार जूही का फूल पवित्र, सुगंधित और आनंदमय होता है, ठीक उसी प्रकार ईश्वर भी पवित्र, विघ्नहर्ता, दयालुता से भरे हुए तथा सर्वव्यापक होते हैं

Q.4 कवयित्री क्या भूल जाना चाहती है ?

उत्तर. यहाँ अपना घरसे कवयित्री का तात्पर्य उस स्वार्थमय संसार से है, जिसे वह भूलना चाहती हैं |

Q.5 कवयित्री ने राजा के समक्ष कितनी शर्ते रखी ?

उत्तर. अक्कमहादेवी ने विवाह के लिए राजा के सामने तीन शर्ते रखी। विवाह के बाद राजा ने उन शर्तों का पालन नहीं किया, इसलिए महादेवी ने उसी क्षण वस्त्र आभूषण तथा राज- परिवार को छोड़ दिया। पर यह त्याग स्त्री केवल शरीर नहीं हैं इसके गहरे बोध के साथ महावीर आदि महापुरुषों के समक्ष खड़े होने का प्रयास था।

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