नव वर्ष पर संसार भर में ‘अनोखी परम्पराएं’ जो अलग-अलग तरह मनाई जाती है ।
विश्व भर में एक और नव वर्ष का आयोजन धूमधाम से करने की
तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। हालांकि, दुनिया भर में इसे मनाने का अलग अलग तरीका सदियों से
प्रचलित है।
अंतर्राष्ट्रीय मानक समय के अनुसार लगभग 3,15,56,000
सैकेंड का समय एक वर्ष के बराबर
होता है। इसे 8760 घंटे या 5,25,600
मिनट के बराबर मान सकते हैं।
प्रायः इस समय के बाद ही नए वर्ष का आगमन होता है तथा फिर एक बार समय की सुइयां
अपनी गिनती अविराम रूप से शुरू कर देती हैं।
कुछ लोग इसे त्यौहार के रूप में मनाते हैं तो कुछ पारम्परिक तरीके से मनाते हैं।
दिवाली जैसी रौनक
जापान में नव वर्ष को भारत के दीपावली त्यौहार की तरह मनाते हैं। इस दिन लोग अपने घरों एवं गली-मोहल्लों की
सफाई तथा मकानों का रंग-रोगन करते हैं।
गृहणियां अपने घरों की सजावट आकर्षक ढंग
से करती हैं तथा लोग सज-धज कर संगीत की लय पर नाचते-गाते हैं। जापानी लोग मानते
हैं कि नव वर्ष के दिन उपहार प्राप्त होने पर वर्ष भर उपहार मिलेंगे। इसी प्रकार
वे लोग पुराने वर्षों के कर्जा को नव वर्ष के दिन चुका देना अच्छा मानते हैं।
घर में आने वाला पहला पुरुष
स्कॉटलैंड में नए साल के जश को ‘हॉगमैनी‘ पुकारा जाता है। ‘फर्स्ट फुटिंग‘ यानी
पहला कदम इस समारोह का एक पारम्परिक हिस्सा है।
यह तब होता है जब आप दोस्तों या परिवार के पास आधी रात के
तुरंत बाद जाते हैं ताकि उनसे मिलने और नए साल में उनके घर जाने वाले पहले व्यक्ति
बन सकें।
मान्यता के अनुसार नए साल में आपसे मिलने वाला
पहला व्यक्ति लंबा,
काले बालों वाला होना चाहिए। आने वाला ‘ब्लैक बन‘- एक
तरह की ब्रैड उपहार के रूप में लाता है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जिस घर में
आप जा रहे हैं,
वहां रहने वाले लोग आने वाले वर्ष में भूखे न
रहें।
आने वाले महीनों में घर गर्म रहे यह सुनिश्चित
करने के लिए कोयला भी ले जाया जाता है। नए साल से पहले लोगों द्वारा अपने घरों को
साफ करना और चिमनी में
जमा पुरानी राख को निकालने की भी परम्परा है। यह नव वर्ष का स्वागत करने के लिए
पुराने साल को साफ करने का प्रतीक है।
ठंडे पानी में छलांग
दुनिया
के कई ठंडे देशों में नव वर्ष के दिन बर्फीले
पानी में डुबकी लगाने की परम्परा है। उत्तर अमरीका में
‘पोलर बियर क्लब‘ ने
सर्दियों के महीनों में बर्फीले पनी में डुबकी लगाने की इस परम्परा को लोकप्रिय
बनाने में खूब मदद की है।
1903
में ‘कोने
आइलैंड पोलर बियर क्लब‘ की
स्थापना करने वाले बर्नार्ड मैकफैडेन का
मानना था कि सर्दियों के दौरान समुद्र में डुबकी लगाना सहनशक्ति, पौरुष और प्रतिरक्षा के
लिए वरदान हो सकता है।
इस क्लब ने सन् 1903 में पहली बार बर्फीले
पानी में डुबकी लगाने वाले इवेंट की शुरूआत की थी।
आज कनाडा से लेकर नीदरलैंड तक
1 जनवरी को लोग सामूहिक रूप से बर्फीले पानी में
उतरते हैं।
कड़कड़ाती ठंड के बावजूद बर्फीले पानी में नहाना किसी कमजोर दिल और कमजोर शरीर वाले इंसान के लिए नहीं है। हालांकि, साल के पहले दिन हजारों साहसी लोग समुद्र और नदियों के माइनस तापमान वाले पानी में डुबकियां लगाते
हैं।
पीले रंग का उत्सव
पेरू में पीले रंग को
सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और लोग अक्सर नव वर्ष की पूर्व संध्या पर पीले रंग
के अंडरवियर पहनते हैं ताकि नए साल में भाग्य उनके साथ बना रहे।
देश भर में लगने वाले मेलों में पुरोहित विशेष
अनुष्ठान करते हैं जिनमें पीले फूलों की भक्तों पर बौछार की जाती है अथवा उनके शरीर पर
से गिनी पिग को
गुजारा जाता है।
इसके अलावा आधी रात को हजारों लोग सड़क पर
उतरते हैं और आतिशबाजियां जलाते
हैं। दावत में सबसे पहले पेरू वासी 12 अंगूर खाते हैं।
गुलाबों की परेड
‘रोज
परेड‘
यानी गुलाबों की परेड की शुरूआत 1890 में अमरीकी राज्य कैलिफोर्निया के पासाडेना में
शुरू की गई थी। इसका मकसद शहर को प्रसिद्धि प्रदान करना था।
टूर्नामेंट ऑफ रोजेज एसोसिएशन ने पूर्वी तट के दोस्तों को यहां के गर्म मौसम
में विभिन्न खेल खेलने के लिए आमंत्रित किया। सर्दियों के मौसम में भी इलाके में खिलने वाले तरह-तरह के ताजे फूलों को परेड की झांकियों में दिखाया जाता है।
धन का शुद्धिकरण
जापान में
यह भी माना जाता है कि नव वर्ष के दौरान मंदिर में पवित्र
जल में नोटों को धोने से धन की वृद्धि होती है।
राजधानी टोक्यो के दक्षिण में स्थित कामाकुरा नामक स्थान के जेनियाराई-बेटेन मंदिर में
भी बड़ी संख्या में लोग अपने साथ नोटों को मंदिर के पवित्र जल से शुद्ध करते हुए नए साल का
जश्न मनाते हैं।
सूमो पहलवानों का अनुष्छन
जापान में ही एक और रिवाज है कि सूमो ग्रैंड चैम्पियंस नए
साल का जश्न मेइजी जिंगू श्राइन में अनुष्ठान के साथ मनाते हैं।
जापान की राजधानी टोक्यो में स्थित मेइजी जिंगू श्राइन में सूमो ग्रैंडचैम्पियन ‘दोह्यो-इरी‘ नामक अंगूठी शुद्धिकरण अनुष्ठान
के दौरान विशेष प्रकार के नृत्य का प्रदर्शन करते हैं।
जमीन में स्वर्ण मुद्राएं गाड़ना
यूनान
में लोग रात को 12
बज कर 1 मिनट
पर गिरजाघरों के पीछे जमीन में स्वर्ण
मुद्राएं गाड़कर उस पर सौभाग्य के जन्म का प्रतीक एक वृक्ष का पौधा लगाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि
इससे वर्ष भर समृद्धि बनी रहेगी।
अफ्रीकी देशों में
अफ्रीकी
देशों में नव वर्ष का नजारा अलग होता है। लोग 31 दिसम्बर
को आग बुझा देते हैं तथा वर्ष के प्रथम दिन फिर जलाते हैं और इसके बाद खुशी एवं
उत्साह से नव वर्ष का स्वागत करते हैं।
दक्षिण अफ्रीका में ‘जूलू‘ जाति के लोग इस दिन अपने बेटे-बेटियों की शादी धूमधाम से करते हैं
तथा शादी के बाद नवविवाहित जोड़ा निहत्थे खूखार सांड से
लड़ कर अपने साहस एवं पराक्रम का परिचय देता है।
नव वर्ष असीम सम्भावनाएं पेश करता है तथा
विश्व भर के लोग अगले वर्ष में शुभ कार्यों की प्रतीक्षा में तथा बीते वर्ष को
भुलाने की परम्परा को अपने-अपने ढंग से निभाते हैं।