- पहली बात (समय): भारतीय संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
- दूसरी बात (डॉ. राजेंद्र प्रसाद): 26 जनवरी 1950 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार होल में भारत के पहले राष्ट्रपति की शपत ली थी।
- तीसरी बात (मुख्य अतिथि): भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति Sukarno थे।
- चोथी बात (1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर): 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर होने लग गया और यहाँ सेना परेड करने लगी।
- पांचवी बात (21 तोपों की सलामी): राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है. उसके बाद राष्ट्रीय गान गया जाता है. इसके साथ ही 21 तोपों की सलामी भी इस दिन दी जाती है।
- छठी बात (सबसे बड़ा लिखित सविधान): संविधान में लगभग 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां है और यह सभी 22 भागों में विभाजित है. पर जब सविधान बना था तब इसमें 395 अनुच्छेद थे जो 22 भागों में विभाजित थे और इसमें केवल 8 ही अनुसुचियां थी।
26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?
गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्वारा झंडारोहण किया जाता है। प्रधानमंत्री झंडारोहण इसलिए नहीं करते हैं क्योंकि वह राजनयिक तौर पर प्रमुख होते हैं जबकि देश में राष्ट्रपति संवैधानिक तौर पर प्रमुख माने जाते हैं। इसलिए वर्ष 1950 में देश में संविधान लागू होने के पश्चात हर साल 26 जनवरी के मौके पर झंडारोहण देश के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
इस साल 2022 में परेड को टालने की कोई योजना नहीं है। लेकिन हां कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए जरूर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखा जाएगा।
मुझे उम्मीद है कि अब आपको यह जरूर पता चल गया होगा की हम गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं और क्या है इसकी खास बाते। अगर आपको और भी कुछ पूछना है तो आप कमेंट जरूर करें!
और इन 6 बातों को आप अपने दोस्तों के साथ फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे। भारत माता की जय।