स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच के अंतर को निम्न बिंदुओं से समझ सकते हो।
15 अगस्त 1947 में भारत आजाद हुआ, भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 में इसे आधिकारिक रूप से लागू किया गया। तब से हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
👉 स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बीच जो मूलभूत अंतर यह है कि स्वतंत्रता दिवस भारत की आजादी के जश्न के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वही देश में लोकतंत्र स्थापित होने की वजह से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
👉 हर साल स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है जबकि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।
👉 हमारा देश 15 अगस्त वर्ष 1947 को स्वतंत्र हो चुका था। लेकिन भारत को गणतांत्रिक होने अर्थात देश में संविधान लगभग ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। तभी से हमारा देश एक गणतांत्रिक देश बन गया।
👉 गणतंत्र दिवस देशवासियों को गौरव का एहसास दिलाता है कि वे एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। जहां जनता का हित सरकार की पहली प्राथमिकता होती है। हर साल मनाए जाने वाला गणतंत्र दिवस नागरिकों को देश को चलाने में संविधान की भूमिका और उनके अधिकारों का एहसास करवाता है।
👉 वहीं दूसरी तरफ स्वतंत्रता दिवस जिसे हम “आजादी का दिन” भी कहते हैं। इस दिन देश को आजाद करने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष तथा वीर जवानों की शहादत को याद कर उन्हें नमन किया जाता हैं, जिन्होंने देश को आजाद कराने के खातिर अपना सब कुछ त्याग दिया।
👉 इसके अलावा यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व अलग अलग अंदाज में मनाए जाते हैं। 26 जनवरी के मौके पर राजपथ पर परेड, झांकियां निकाली जाती है। और भारत कि एकता और अखंडता का परिचय देकर विभिन्न राज्यों की संस्कृति, वेशभूषा, पहनावे को दर्शाया जाता है। वही स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केवल एक ही राज्य नहीं बल्कि सभी राज्यों द्वारा झंडारोहण कर यह राष्ट्रीय प्रव मनाया जाता। हालांकि इन दोनों के बीच समानता यह है कि यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व है जिन्हें भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।