पेंशन राज्य सूची का विषय : राज्य सरकार बिना केंद्र की सहमति के पुरानी पेंशन लागू कर सकती हैं !

पेंशन राज्य सूची का विषय : राज्य सरकार बिना केंद्र की सहमति के पुरानी पेंशन लागू कर सकती हैं !

पेंशन राज्य सूची का विषय : राज्य सरकार बिना केंद्र की सहमति के पुरानी पेंशन लागू कर सकती हैं !

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज विधानसभा में राजस्थान के लिए फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए बजट पेश कर रहे हैं। सीएम गहलोत राजस्थान में न्यू पेंशन स्कीम समाप्त कर दी उन्होंने कर्मचारियों को सौगात देते हुए 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन स्कीम के तहत लाभ देने की घोषणा की है। आपको बता दें राजस्थान सहित देश के दूसरे राज्यों में कर्मचारी संघ लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं। लेकिन पेंसन योजना को लेकर कई लोग इसे लागु करने को लेकर अभी भ्रमित है आज की इस पोस्ट में उनका समाधान का प्रयास रहेगा !

पेंसन योजना का सवैधानिक रूप :-

 संविधान की सातवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य सूची के विषयों में 42 वें स्थान पर राज्य की पेंशन अर्थात राज्य द्वारा या राज्य की संचित निधि में से संदाय पेंशन का उल्लेख किया गया है।पेंसन योजना को लागु करने का अधिकार :-कोई भी राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए स्वतंत्र है। इसका अर्थ यह हुआ कि राज्य द्वारा अपने कार्मिकों को पेंशन देना राज्य सूची का अपना विषय है, जिसमें केंद्र सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

वह केंद्र सरकार की सहमति या असहमति के बिना भी इसे लागू कर सकती है, क्योंकि पेंशन पर होने वाला खर्च उसे राज्य की संचित निधि से देना होगा।

यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को 01 जनवरी 2004 से केंद्रीय कर्मियों पर अनिवार्य रूप से लागू करने के बाद भी अधिकांश राज्यों में पुरानी पेंशन योजना ही लागू रही। नागालैंड, मिजोरम और मेघालय में पुरानी पेंशन योजना जहां 2010 तक लागू रही,

Note :-पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन योजना आज भी लागू है।

New pension scheme:न्यू पेंसन योजना कब हुई लागु ?

अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था और नई पेंशन योजना (New pension scheme) लागू की गई थी।

22 दिसम्बर 2003 को जारी नई पेंशन प्रणाली हेतु केंद्र सरकार के संकल्प में यह प्रावधान किया गया था कि राज्य के लिए यह वैकल्पिक व्यवस्था होगी कि वे जब चाहे नई योजना को अपना सकते हैं। इसके अतिरिक्त नई पेंशन योजना से संबंधित किसी भी अधिसूचना में कहीं भी राज्यों के लिए इसे लागू करना अनिवार्य नही किया गया है। 

What is OPS ?क्या है पुरानी पेंशन योजना

साल 2004 से पहले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन का प्रावधान था। 

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की खास बातें
1. इस स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है।

2.पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है।

3. पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।

3. इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है।

4. रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।

5. पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का प्रावधान है।

6. इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।

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