आज का युवा कहे या Android यूजर जो भी है अपने जीवन का सबसे बेशकीमती समय Facebook पर व्यतीत करते है ,लेकिन कभी आपने इसके रोचक तथ्य जानने की कौशिश की अगर नही तो आज की पोस्ट आपके लिए खाश होने वाली है..
वैसे क्या आप ये जानते हैं कि दुनिया में एक बीमारी ऐसी है जो सिर्फ फेसबुक यूज़र्स को ही होती है, शायद नहीं जानते होंगे। तो चलिए हम आपको फेसबुक से संबंधित कुछ ऐसे ही रोचक जानकारी देते हैं
फेसबुक ने सितंबर 2004 में “वॉल”, सितंबर 2006 में “न्यूज फीड”, फरवरी 2009 में “लाइक” बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया।फेसबुक का रंग आखिर नीला क्यों है?-
आपका जवाब होगा कि हो सकता है ये रंग Mark Zuckerberg को पसंग हो या फिर ये कि हो सकता है फेसबुक डिजायन करते समय ये रंग ज्यादा बेहतर लग रहा है। लेकिन अगर मैं आप से कहूँ कि फेसबुक का नीला रंग मार्क ज़ुकरबर्ग की एक बीमारी की वजह से है तो आप यकीन करेंगे शायद नहीं मगर ये सच है।
दरअसल फेसबुक का रंग नीला है क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं। मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है। एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूँ, इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है।
Facebook पर आप मार्क जुकरबर्ग को ब्लॉक नहीं कर सकते
फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। जी हां, मार्क जुकरबर्ग ही वो शख्स हैं जिन्हें फेसबुक पर ब्लॉक नहीं किया जा सकता। यकीन न हो तो एक बार कोशिश करके देख लीजिए।
Facebook पर ज़ुकरबर्ग को खोजना न ही मुश्किल, न ही आसानफेसबुक पर मार्क जुकरबर्ग को खोजना न तो मुश्किल है और न ही नामुमकिन। जी हाँ मार्क जुकरबर्ग ही दुनिया में ऐसे शख्स हैं जिन्हें फेसबुक पर खोजना सबसे आसान है। अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं, तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे।
Facebook यूजर की मौत होने पर उसके अकाउंट का क्या होता है?
यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं। फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है। इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है। इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता।
“लाइक” की जगह था ये ‘AWESOME’ नाम
फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है। वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा। सबसे पहले इसका नाम ‘AWESOME’ रखा गया था। लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था।
फेसबुक की लत ले रही है बीमारी का रूपफेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है। दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं। इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है। इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं।
Facebook ने इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को खरीद लियाफेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे। जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी। अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था।
हर सेकंड जुड़ते है सैकड़ो लोग फेसबुक सेफेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं। फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं। हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं। वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं।
NICE
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