गणगौर पर्व से जुड़ी है रोचक मान्यता,Gangaur Festival

गणगौर पर्व से जुड़ी है रोचक मान्यता,Gangaur Festival

                         गणगौर पर्व से जुड़ी है रोचक मान्यता

गणगौर पूजा को लेकर के राजस्थान में एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है तीज तिवारा बावड़ी ले डूबी गणगौर.इस कहावत का यही अर्थ है कि सावन की तीज से त्यौहार का आगमन शुरू हो जाता है और गणगौर के विसर्जन के साथ ही इस त्यौहार का समापन होता है.

गणगौर पर्व राजस्थान में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है जो शिव-पार्वती की प्रेम कथा पर आधारित है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया और चतुर्थी को मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का संदेश प्रस्तुत करना है।

गणगौर पर्व के दौरान महिलाएं विशेष रूप से शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं और उनकी कृपा की कामना करती हैं। युवतियाँ इस दिन विवाह के लिए चाहे तो अपनी प्रियतम से मिलने की आशा रखती हैं।

इस दिन महिलाएं विशेष रूप से सौंदर्य और सुंदरता का ध्यान रखती हैं। वे सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, बाजू की चूड़ियाँ और सुनहरे गहने पहनती हैं।

राजस्थान में गणगौर पर्व का आयोजन विवाहित महिलाओं और कन्याओं द्वारा किया जाता है। वे गणगौर की मूर्तियाँ बनाती हैं और पूजा करती हैं, उसके बाद व्रत का खाना खाती हैं। इस दिन परिवार के सभी सदस्यों के बीच खुशियों का माहौल होता है।

यह पर्व राजस्थानी संस्कृति और त्योहारों की धरोहर माना जाता है जो लोगों के दिलों में गहराई से बस गया है।

गणगौर पर्व के दौरान राजस्थान में कई प्रसिद्ध और लोकप्रिय गीत गाए जाते हैं, जिनमें से कुछ चर्चित गाने हैं। यहां कुछ लोकप्रिय गणगौर गीतों का उल्लेख है:

 

1. "गोर गोर गोमती, इसर पूजे पार्वती" यह एक प्रसिद्ध गणगौर गीत है जो राजस्थान में पर्व के अवसर पर गाया जाता है। इस गीत में गोमती, जो पार्वती माता का एक नाम है, की खूबसूरती और महिमा की प्रशंसा की गई है। गायन में इस्मार जिताने और लोगों को जागरूक करने का भाव होता है।

 

2. "गणगौर को ले जावे" - यह भी एक प्रसिद्ध गणगौर गीत है जो पर्व के रंग-बिरंगे माहौल को बखूबी व्यक्त करता है।

 

3. "मारवाड़ी गणगौर गीत" - इसमें गणगौर पर्व के राजस्थानी त्योहार का जश्न मनाया गया है, जिसमें नाच-गाने की महफ़िल सजी होती है।

4. "आयो गणगौरा जी" - यह गाना गणगौर पर्व के मौके पर बहुत ही पसंद किया जाता है। इस गाने में गणगौर के उत्सव की खूबसूरती और धूमधाम से बताया गया है।

 

ये गाने और गीत गणगौर पर्व के मौके पर खासतौर पर राजस्थान के लोगों द्वारा गाए जाते हैं और उत्सव का आनंद बढ़ाते हैं।

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