google.com, pub-9828067445459277, DIRECT, f08c47fec0942fa0 कक्षा-11 विषय- हिन्दी अनिवार्य| पाठ -07 ‘दुष्यंत कुमार– गजल’|SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION दिनांक 01 SEP 2021

कक्षा-11 विषय- हिन्दी अनिवार्य| पाठ -07 ‘दुष्यंत कुमार– गजल’|SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION दिनांक 01 SEP 2021

कक्षा-11  विषय- हिन्दी अनिवार्य

             पाठ -07 दुष्यंत कुमारगजल

जीवन परिचय- 

  • दुष्यंत कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के राजपुर नवादा गाँव में 1933 ई में हुआ।
  • बचपन का नाम दुष्यंत नारायण था।
  •  प्रयाग विश्वविद्यालय से इन्होंने एम. ए. किया तथा यहीं से इनका साहित्यिक जीवन आरंभ हुआ।
  • वे वहाँ की साहित्यिक संस्था परिमल की गोष्ठियों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे और नए पते जैसे महत्वपूर्ण पत्र के साथ भी जुड़े रहे।
  • अल्पायु में इनका निधन 1975 ई. में हो गया।

रचनाएँ-इनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
काव्य-सूर्य का स्वागत, आवाजों के घेरे, साये में धूप, जलते हुए वन का वसंत।
गीति-नाट्य-एक कंठ विषपायी।
उपन्यास-छोटे-छोटे सवाल, आँगन में एक वृक्ष, दोहरी जिंदगी।

एक कंठ विषपायी शीर्षक गीतिनाट्य हिंदी साहित्य की एक महत्वपूर्ण व बहुप्रशंसित कृति है।

साहित्यिक विशेषताएँ- दुष्यंत कुमार की साहित्यिक उपलब्धियाँ अद्भुत हैं। इन्होंने हिंदी में गजल विधा को प्रतिष्ठित किया। इनके कई शेर साहित्यिक एवं राजनीतिक जमावड़ों में लोकोक्तियों की तरह दुहराए जाते हैं। साहित्यिक गुणवत्ता से समझौता न करते हुए भी इन्होंने लोकप्रियता के नए प्रतिमान कायम किए। गजल के बारे में वे लिखते हैं- मैं स्वीकार करता हूँ कि गजल को किसी की भूमिका की जरूरत नहीं होती. मैं प्रतिबद्ध कवि हूँ. यह प्रतिबद्धता किसी पार्टी से नहीं, आज के मनुष्य से है और मैं जिस आदमी के लिए लिखता हूँ. यह भी चाहता हूँ कि वह आदमी उसे पढ़े और समझे।
इनकी गजलों में तत्सम शब्दों के साथ उर्दू के शब्दों का काफी प्रयोग किया है; जैसेमेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही।
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।

भाषा-शैली-

पाठ का सारांश

 

साये में धूपगजल संग्रह से यह गजल ली गई है। गजल का कोई शीर्षक नहीं दिया जाता, अत: यहाँ भी उसे शीर्षक न देकर केवल गजल कह दिया गया है। गजल एक ऐसी विधा है जिसमें सभी शेर स्वयं में पूर्ण तथा स्वतंत्र होते हैं। उन्हें किसी क्रम-व्यवस्था के तहत पढ़े जाने की दरकार नहीं रहती। इसके बावजूद दो चीजें ऐसी हैं जो इन शेरों को आपस में गूँथकर एक रचना की शक्ल देती हैं-एक, रूप के स्तर पर तुक का निर्वाह और दो, अंतर्वस्तु के स्तर पर मिजाज का निर्वाह। इस गजल में पहले शेर की दोनों पंक्तियों का तुक मिलता है और उसके बाद सभी शेरों की दूसरी पंक्ति में उस तुक का निर्वाह होता है। इस गजल में राजनीति और समाज में जो कुछ चल रहा है, उसे खारिज करने और विकल्प की तलाश को मान्यता देने का भाव प्रमुख बिंदु है।

कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, पंरतु यहाँ तो पूरे शहर में भी एक चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं। अत: वह हमेशा के लिए इन्हें छोड़कर जाना ठीक समझता है। वह उन लोगों के जिंदगी के सफर को आसान बताता है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदल लेते हैं। मनुष्य को खुदा न मिले तो कोई बात नहीं, उसे अपना सपना नहीं छोड़ना चाहिए। थोड़े समय के लिए ही सही. हसीन सपना तो देखने को मिलता है। कुछ लोगों का विश्वास है कि पत्थर पिघल नहीं सकते। कवि आवाज के असर को देखने के लिए बेचैन है। शासक शायर की आवाज को दबाने की कोशिश करता है, क्योंकि वह उसकी सत्ता को चुनौती देता है। कवि किसी दूसरे के आश्रय में रहने के स्थान पर अपने घर में जीना चाहता है।

 

             

SMILE 3.0 HOME WORK SOLUSTION  दिनांक 01 SEP 2021

कक्षा-11  विषय- हिन्दी अनिवार्य| पाठ -07 ‘दुष्यंत कुमार– गजल’|

Q.1 दुष्यंत कुमार के प्रसिद्ध गजल संग्रह का नाम बताइए |

उत्तर. साये में धूपगजल संग्रह

Q.2 दुष्यंत कुमार की दो प्रसिद्ध रचनाए लिखिए |

उत्तर. एक कंठ विषपायी 1963(काव्य नाटक),और मसीहा मर गया (नाटक),सूर्य का स्वागत, आवाज़ों के घेरे, जलते हुए वन का बसंत (काव्य संग्रह)

Q.3 दरख्तों के साये में धुप लगने का तात्पर्य बताइए |

उत्तर. कवि कहता है कि देश में अनेक संस्थाएँ हैं जो नागरिकों के कल्याण के लिए काम करती हैं। कवि उन्हें दरख्तकी संज्ञा देता है। इन दरख्तों के नीचे छाया मिलने की बजाय धूप मिलती है अर्थात् ये संस्थाएँ ही आम आदमी का शोषण करने लगी हैं। 

Q.4 कवि के अनुसार सत्ताधारी लोग किसके लिए आश्वस्त है ?

उत्तर.  शायर सत्ता के खिलाफ लोगों को जागरूक करता है। इससे सत्ता को क्रांति का खतरा लगता है। वे स्वयं को बचाने के लिए शायरों की जबान अर्थात् कविताओं पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। जैसे गजल के छद के लिए बंधन की सावधानी जरूरी है, उसी तरह शासकों को भी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए विरोध को दबाना जरूरी है।

Q.5 कवि के अनुसार कोन से लोग सफर के लिए मुनासिब है ?

उत्तर .कवि आम व्यक्ति के विषय में बताता है कि ये लोग गरीबी व शोषित जीवन को जीने पर मजबूर हैं। यदि । इनके पास वस्त्र भी न हों तो ये पैरों को मोड़कर अपने पेट को ढँक लेंगे। उनमें विरोध करने का भाव समाप्त हो चुका है। ऐसे लोग ही शासकों के लिए उपयुक्त हैं, क्योंकि इनके कारण उनका राज शांति से चलता है।

              

 

 

 


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